रायपुर सहित छत्तीसगढ़ और कई अन्य राज्यों में कड़ाके की सर्दी का असर अब दिखने लगा है, जिससे स्कूली बच्चों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कड़क सर्दी को देखते हुए, बच्चों की सेहत को ध्यान में रखते हुए कई राज्यों में शीतकालीन छुट्टियां घोषित की गई हैं। छत्तीसगढ़ में प्रशासन ने 23 से 28 दिसंबर तक 6 दिन की शीतकालीन छुट्टियां घोषित की हैं। 29 दिसंबर को रविवार होने के कारण स्कूल बंद रहेंगे, और फिर 30 दिसंबर से स्कूलों का पुनः संचालन शुरू होगा।
सर्दी के कारण बच्चों की सुरक्षा और सुविधा को प्राथमिकता देते हुए, स्कूल प्रशासन लगातार स्थिति की निगरानी कर रहा है। अगर ठंड और बढ़ती है, तो छुट्टियों की अवधि बढ़ाने और स्कूलों के समय में बदलाव करने पर भी विचार किया जा सकता है। इस कदम से बच्चों की सेहत पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव को कम करने की कोशिश की जा रही है।

शीतलहर के बीच प्रशासन की पहल
प्रदेश प्रशासन ने शीतलहर की स्थिति को गंभीरता से लिया है और बच्चों की सेहत को ध्यान में रखते हुए कई अहम कदम उठाए हैं। शीतकालीन अवकाश की घोषणा के साथ ही, प्रशासन ने यह भी सुनिश्चित किया है कि बच्चों को ठंड से बचाने के लिए अभिभावकों को उचित कदम उठाने के लिए प्रेरित किया जाए।
अभिभावकों से अपील की गई है कि वे अपने बच्चों को गर्म कपड़े, स्वेटर, मफलर और गर्म पेय पदार्थों से ठंड से बचाने का ध्यान रखें। इसके अलावा, स्कूली समय के दौरान बच्चों की उपस्थिति में कोई परेशानी न हो, इसके लिए स्कूल प्रशासन ने अतिरिक्त व्यवस्थाओं पर विचार किया है।

उत्तर प्रदेश और दिल्ली में भी अवकाश की घोषणा
उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित स्कूलों में 31 दिसंबर से 14 जनवरी तक शीतकालीन अवकाश रहेगा। इस दौरान कक्षा 1 से 8 तक के सभी परिषदीय और मान्यता प्राप्त स्कूल बंद रहेंगे। यह आदेश राज्य के सभी जिलों के विद्यालयों पर लागू होगा, ताकि बच्चों को अत्यधिक सर्दी से बचाया जा सके।
दिल्ली में भी सर्दियों का असर बढ़ने के कारण सरकार ने 1 जनवरी से 15 जनवरी 2025 तक सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में शीतकालीन छुट्टियां घोषित की हैं। इससे बच्चों को सर्दियों के मौसम में राहत मिलेगी, और स्कूलों में उनकी सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा सकेगी।
जनवरी में अन्य महत्वपूर्ण अवकाश
जनवरी माह में कुछ अन्य महत्वपूर्ण अवकाश भी हैं। छात्रों को 14 जनवरी को हजरत अली के जन्मदिन और मकर संक्रांति के अवसर पर सार्वजनिक अवकाश मिलेगा। इसके अलावा, 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के अवसर पर स्कूल, कॉलेज, बैंक और दफ्तर बंद रहेंगे, हालांकि सरकारी संस्थानों में गणतंत्र दिवस समारोह आयोजित किए जाएंगे।
मकर संक्रांति का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व
मकर संक्रांति भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, मकर संक्रांति के दिन गंगा नदी ने भगीरथ के प्रयासों से कपिल मुनि के आश्रम से होते हुए सागर में प्रवेश किया था। इस दिन महाराज भगीरथ ने अपने पूर्वजों के लिए तर्पण किया था। इस कारण, हर साल पश्चिम बंगाल के गंगासागर में मकर संक्रांति पर विशाल मेला लगता है, जिसमें लाखों लोग गंगा स्नान करने आते हैं।
यह दिन विशेष रूप से उत्तर भारत में त्योहारी मौसम की शुरुआत के रूप में मनाया जाता है और सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने को एक सकारात्मक और शुभ दिन माना जाता है। विभिन्न स्थानों पर लोग इस दिन विशेष पूजा अर्चना, तिल गुड़ खाने और पतंगबाजी जैसी पारंपरिक गतिविधियों में हिस्सा लेते हैं।
निष्कर्ष
वर्तमान में बढ़ती ठंड ने बच्चों और शिक्षा व्यवस्था को प्रभावित किया है, लेकिन प्रशासन ने ठंड से बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
शीतकालीन अवकाश की घोषणा से बच्चों को राहत मिलेगी और उनकी सेहत पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव को रोका जा सकेगा। साथ ही, मकर संक्रांति और अन्य अवकाशों का महत्व भी हम सभी के लिए समझना जरूरी है, क्योंकि यह हमारे सांस्कृतिक और पारंपरिक मूल्यों को बनाए रखने में मदद करता है।