हरियाणा में ठंड और धुंध का कहर: क्या कह रहा मौसम विभाग? हरियाणा में इस वक्त सर्दी का माहौल अपने चरम पर है। तापमान में गिरावट और घने कोहरे की वजह से जनजीवन प्रभावित हो रहा है। पिछले कई दिनों से हरियाणा के कई जिलों में धुंध (Fog) का दौर जारी है, जिससे दृश्यता (Visibility) न के बराबर हो गई है।
इतना ही नहीं, कुछ जगहों पर तो ये धुंध इतनी घनी है कि वाहन चालक मुश्किल से अपनी गाड़ी चला पा रहे हैं। अंबाला, हिसार, जींद, कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र, पंचकूला, पानीपत, रोहतक, सोनीपत और यमुनानगर जैसे प्रमुख जिलों में घनी धुंध के कारण ट्रैफिक और यातायात सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं।
मौसम विभाग का अलर्ट:
मौसम विभाग ने हरियाणा में ‘वेरि डेंस फॉग’ (Very Dense Fog) का अलर्ट जारी किया है। इस अलर्ट के तहत विशेष रूप से उन क्षेत्रों को चेतावनी दी गई है जहां की दृश्यता घटकर लगभग जीरो हो गई है। इसकी वजह से, खासकर सुबह के समय गाड़ी चलाने में परेशानी हो रही है। पुलिस ने इस संबंध में एक एडवाइजरी भी जारी की है, जिसमें लोगों को सलाह दी गई है कि वे केवल अत्यधिक जरूरी कार्य होने पर ही घर से बाहर निकलें और गाड़ी लेकर यात्रा करने से बचें।

इसके अलावा, घने कोहरे और शीतलहर के कारण रेल और हवाई यात्रा भी प्रभावित हुई है। कई ट्रेनों के समय में बदलाव आया है, और कुछ ट्रेनें 10 से 15 मिनट की देरी से चल रही हैं। वहीं, काबर्ट पार्क लिंक एक्सप्रेस और सिरसा एक्सप्रेस ट्रेनें दो घंटे की देरी से चल रही हैं। वहीं, अमृतसर और चंडीगढ़ एयरपोर्ट भी बंद हैं, क्योंकि यहां भी सुबह से कोई फ्लाइट नहीं उतरी। सभी उड़ानों को पुनः शेड्यूल किया जा रहा है।
घना कोहरा और शीतलहर:
इस बार ठंड और कोहरे का दौर इतना गंभीर हो गया है कि हरियाणा का मौसम शिमला-मनाली से भी ठंडा हो चुका है। फरीदाबाद, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, पानीपत और पंचकूला में तो विजिबिलिटी पूरी तरह से जीरो हो गई है। धुंध की बूंदें बारिश की तरह टपक रही हैं, जिससे सर्दी और भी ज्यादा बढ़ गई है।

शीतलहर ने इस क्षेत्र में और भी सर्दी का माहौल बना दिया है। विशेष रूप से रात के समय ठंड में जबरदस्त बढ़ोतरी हो रही है, जो खासतौर पर किसानों, मजदूरों और सड़क पर यात्रा करने वालों के लिए कठिनाइयों का कारण बन रही है। इस स्थिति में यह जरूरी है कि लोग अपने स्वास्थ्य का खास ध्यान रखें और जरूरी सावधानियां बरतें।
मौसम की भविष्यवाणी:
मौसम विभाग के अनुसार, आगामी 5 और 6 जनवरी को पश्चिमी विक्षोभ एक बार फिर सक्रिय हो सकता है, जो उत्तरी हरियाणा में मध्यम बारिश और ओलावृष्टि का कारण बन सकता है। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार की बारिश पिछले दिनों की तरह काफी असरदार हो सकती है, जिससे किसानों को फिर से नुकसान हो सकता है। पहले की तरह ओले गिरने की संभावना जताई जा रही है, जो फसलों के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
उत्तर हरियाणा के खासकर पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, करनाल जिलों में मध्यम दर्जे की बारिश होने की संभावना है, जबकि अन्य जिलों में हल्की बारिश हो सकती है। ऐसे में, किसानों को अपनी फसलों की सुरक्षा के उपायों पर ध्यान देना जरूरी होगा।
कृषि पर प्रभाव:
बारिश के साथ अगर ओले गिरे तो यह किसानों के लिए बहुत ही कष्टकारी हो सकता है। पिछले दिनों जब बारिश के साथ ओले गिरे थे, तो कृषि उत्पादों को भारी नुकसान हुआ था। बुवाई की गई फसलें पूरी तरह से नष्ट हो गई थीं, खासतौर पर सरसों और गेहूं की फसलें प्रभावित हुई थीं। इस बार भी अगर बारिश और ओलावृष्टि का सिलसिला जारी रहता है, तो किसानों की स्थिति और भी कठिन हो सकती है।

ठंड और कोहरे से बचाव के उपाय:
- सुरक्षित यात्रा: घने कोहरे के दौरान यात्रा करते समय वाहन की गति धीमी रखें। वाहन की हेडलाइट्स और टर्न इंडिकेटर का सही से उपयोग करें।
- स्वास्थ्य का ध्यान रखें: ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े पहनें और खासतौर पर गले और छाती को ढककर रखें। शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए गर्म पानी का सेवन करें।
- कृषि सुरक्षा: किसानों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी फसलों की सुरक्षा के लिए तत्पर रहें, खासकर ओलावृष्टि और बारिश के दौरान। ओले गिरने की स्थिति में तात्कालिक रूप से उचित कदम उठाएं, जैसे कि खेतों में पानी भरने की व्यवस्था करना।
- शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए गर्म पानी का सेवन करें।