हरियाणा के मुख्य सचिव डॉ. विवेक जोशी ने हाल ही में पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ द्वारा शुरू किए गए ‘प्रोजेक्ट सारथी’ की सराहना की है। यह एक अभिनव और सराहनीय पहल है, जिसका उद्देश्य अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को बेहतर मार्गदर्शन और सहायता प्रदान करना है। यह पहल मरीजों के लिए न केवल एक रास्ता दिखाने का कार्य करती है, बल्कि उनका इलाज आसान और अधिक सहज बनाने का भी प्रयास करती है।
‘प्रोजेक्ट सारथी’ का उद्देश्य
पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ द्वारा शुरू किया गया ‘प्रोजेक्ट सारथी’ मरीजों को अस्पताल में प्रवेश से लेकर इलाज तक के प्रत्येक कदम पर मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इस प्रोजेक्ट का प्रमुख उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि मरीजों को डॉक्टर तक पहुँचने में कोई परेशानी न हो, और उनका इलाज शीघ्र और प्रभावी तरीके से हो सके।
इस परियोजना में एनएसएस (राष्ट्रीय सेवा योजना) के छात्रों और विभिन्न गैर सरकारी संगठनों (NGOs) का सहयोग लिया जा रहा है। इन छात्रों और संगठनों के सदस्य मरीजों को पीजीआईएमईआर में आने से लेकर उन्हें उनके उपचार से संबंधित सभी जानकारी उपलब्ध कराते हैं। वे मरीजों को प्रतीक्षा समय कम करने में मदद करते हैं और साथ ही उनके समग्र अनुभव को भी बेहतर बनाते हैं।

प्रोफेसर विवेक लाल का पत्र
पीजीआईएमईआर के निदेशक और न्यूरोलॉजी विभाग के प्रमुख, डॉ. विवेक लाल ने इस पहल के बारे में हरियाणा के मुख्य सचिव डॉ. विवेक जोशी को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने हरियाणा सरकार से इस ‘प्रोजेक्ट सारथी’ के सफल प्रचार-प्रसार के लिए सहयोग की अपील की है।
डॉ. विवेक लाल का कहना था कि यह पहल न केवल मरीजों के लिए मददगार साबित हो रही है, बल्कि इससे अस्पताल के अधिकारियों को भी मरीजों के अनुभव को बेहतर बनाने में मदद मिल रही है। उन्होंने सरकार से यह भी अनुरोध किया कि इस प्रोजेक्ट की जानकारी और इसके लाभ को लोगों तक पहुंचाने के लिए स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर काम किया जाए।
‘प्रोजेक्ट सारथी’ की सफलता
एक अध्ययन के अनुसार, मई 2024 में इस कार्यक्रम की शुरुआत के बाद से आउटपेशेंट विभागों (ओपीडी) में औसत प्रतीक्षा समय में उल्लेखनीय कमी आई है। यह इस पहल की सफलता का एक बड़ा संकेत है। मरीजों को लंबे समय तक इंतजार नहीं करना पड़ता और वे जल्दी डॉक्टर से मिल पाते हैं। इसके अलावा, इस परियोजना के परिणामस्वरूप रोगियों का समग्र अनुभव भी बेहतर हुआ है, क्योंकि वे अस्पताल में अपनी यात्रा के दौरान हर कदम पर मार्गदर्शन प्राप्त कर रहे हैं।
एनएसएस और NGOs की भागीदारी
‘प्रोजेक्ट सारथी’ में एनएसएस के छात्रों और विभिन्न गैर सरकारी संगठनों की भागीदारी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। एनएसएस छात्र और स्वयंसेवी संगठन न केवल मरीजों को अस्पताल के भीतर सही दिशा में मार्गदर्शन करते हैं, बल्कि वे मरीजों के परिवारों को भी अस्पताल के प्रोटोकॉल, कागजी कार्रवाई और अन्य प्रशासनिक कार्यों के बारे में सूचित करते हैं। इस पहल का उद्देश्य मरीजों के लिए अस्पताल के माहौल को कम तनावपूर्ण और अधिक सुविधाजनक बनाना है।

स्थानीय प्रशासन से सहयोग की आवश्यकता
डॉ. विवेक लाल ने पत्र में यह भी बताया कि ‘प्रोजेक्ट सारथी’ का प्रभावी रूप से प्रचार और प्रसार तभी संभव है जब इस पर स्थानीय प्रशासन का सहयोग प्राप्त हो। इसके लिए स्थानीय अधिकारियों को इस प्रोजेक्ट के महत्व और इसके लाभ के बारे में जागरूक करना आवश्यक है। इसके माध्यम से न केवल मरीजों को लाभ मिलेगा, बल्कि पूरे स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में सुधार के भी अवसर मिलेंगे।
समाज में जागरूकता और विस्तार की आवश्यकता
‘प्रोजेक्ट सारथी’ को एक सफलता बनाने के लिए समाज में जागरूकता का होना अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह पहल न केवल मरीजों के लिए, बल्कि उनके परिवारों के लिए भी सहायक साबित हो रही है। इस परियोजना के माध्यम से लोगों को यह समझने का अवसर मिल रहा है कि उन्हें किस प्रकार के चिकित्सकीय मार्गदर्शन की आवश्यकता है, और कैसे वे किसी भी कठिनाई के बिना अपने उपचार को प्रभावी ढंग से प्राप्त कर सकते हैं।
इसके लिए मीडिया, सार्वजनिक मंचों और अन्य प्लेटफार्मों का उपयोग किया जाना चाहिए, ताकि अधिक से अधिक लोग इस पहल से परिचित हो सकें। यदि इस पहल का विस्तार सही तरीके से किया जाता है, तो यह न केवल चंडीगढ़ या हरियाणा तक सीमित रहेगा, बल्कि पूरे देश में स्वास्थ्य सेवा की प्रणाली को बेहतर बनाने में एक मॉडल के रूप में कार्य कर सकता है।

हरियाणा के मुख्य सचिव डॉ. विवेक जोशी द्वारा ‘प्रोजेक्ट सारथी’ की सराहना करना एक महत्वपूर्ण कदम है, जो इस पहल की सफलता को प्रमाणित करता है। यह पहल मरीजों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई है और स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में सुधार के प्रति एक सकारात्मक संकेत है। यदि इस प्रोजेक्ट को सही तरीके से लागू किया जाता है और अधिक विस्तार दिया जाता है, तो यह न केवल पीजीआईएमईआर बल्कि पूरे देश में स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण बदलाव का कारण बन सकता है।