हेनले एंड पार्टनर्स द्वारा जारी की गई 2025 की पहली छमाही की पासपोर्ट रैंकिंग में सिंगापुर का पासपोर्ट दुनिया का सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट बना हुआ है। यह रैंकिंग पासपोर्ट धारकों को बिना वीजा के कितने देशों में यात्रा करने की स्वतंत्रता मिलती है, इसके आधार पर तैयार की जाती है। इस साल, पाकिस्तान का पासपोर्ट, जो कि पहले भी कमजोर रहा है, अब सबसे कमजोर पासपोर्ट के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। इसके साथ ही, भारत का पासपोर्ट भी 85वें स्थान पर स्थिर है, लेकिन पिछले साल की तुलना में पांच स्थान नीचे गिर चुका है।
सिंगापुर का पासपोर्ट: सबसे शक्तिशाली
हेनले पासपोर्ट इंडेक्स के मुताबिक, सिंगापुर का पासपोर्ट वर्तमान में दुनिया का सबसे शक्तिशाली पासपोर्ट है। इसके धारक 195 देशों में बिना वीजा के यात्रा करने में सक्षम हैं। यह आंकड़ा पासपोर्ट की ताकत का एक महत्वपूर्ण संकेतक है, क्योंकि यह दर्शाता है कि सिंगापुर के नागरिकों को दुनिया भर में सबसे अधिक यात्रा स्वतंत्रता प्राप्त है। सिंगापुर का यह पासपोर्ट पिछले कई वर्षों से इस रैंकिंग में शीर्ष पर बना हुआ है और इसके पीछे सिंगापुर की मजबूत अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक संबंधों और वैश्विक व्यापारिक स्थिति का भी बड़ा हाथ है।

सिंगापुर की मजबूत कूटनीति और व्यापारिक क्षेत्र में उसकी स्थिति दुनिया भर में उसे एक सम्मानजनक स्थान दिलाती है, जो उसके नागरिकों के लिए यात्रा की स्वतंत्रता के रूप में परिलक्षित होती है। यह पासपोर्ट दुनिया के अधिकांश देशों के साथ वीजा-मुक्त यात्रा की सुविधा प्रदान करता है, जिससे सिंगापुर के नागरिकों के लिए अंतरराष्ट्रीय यात्रा बेहद आसान और सुविधाजनक हो जाती है।
जापान का पासपोर्ट: दूसरे स्थान पर
जापान का पासपोर्ट इस सूची में दूसरे स्थान पर है, जिसमें धारक 193 देशों में बिना वीजा के यात्रा कर सकते हैं। जापान, जो एशिया का एक प्रमुख आर्थिक और तकनीकी शक्ति है, ने पिछले कई वर्षों से इस रैंकिंग में शीर्ष स्थानों पर अपनी जगह बनाई हुई है। जापान के पासपोर्ट को यह ताकत उसके मजबूत वैश्विक संबंधों और कूटनीतिक नेटवर्क के कारण प्राप्त होती है, जिससे उसके नागरिकों को बिना वीजा के यात्रा करने में काफी आसानी होती है।
अन्य प्रमुख देशों के पासपोर्ट
हेनले पासपोर्ट रैंकिंग के अनुसार, तीसरे स्थान पर दक्षिण कोरिया, फ्रांस, जर्मनी, इटली, स्पेन और फिनलैंड हैं, जिनके पासपोर्ट धारक 192 देशों में बिना वीजा के यात्रा कर सकते हैं। इन देशों के पासपोर्ट भी दुनिया भर में उच्च रैंकिंग प्राप्त करने वाले हैं, और इनके नागरिकों को वीजा-मुक्त यात्रा की सुविधा मिलती है। ये देशों की कूटनीति, व्यापारिक संबंध और वैश्विक प्रभाव के कारण उनके नागरिकों को यात्रा के लिहाज से अधिक स्वतंत्रता प्राप्त होती है।

पाकिस्तान का पासपोर्ट: सबसे कमजोर
पाकिस्तान का पासपोर्ट सबसे कमजोर पासपोर्ट के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। पाकिस्तान के पासपोर्ट धारक केवल 33 देशों में बिना वीजा के यात्रा कर सकते हैं। यह स्थिति पाकिस्तान के लिए एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय है, क्योंकि यह न केवल पाकिस्तान के नागरिकों के लिए यात्रा की स्वतंत्रता को सीमित करता है, बल्कि देश की अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक स्थिति और वैश्विक संबंधों पर भी सवाल उठाता है।
पाकिस्तान का पासपोर्ट पहले भी कमजोर था, लेकिन अब यह सोमालिया जैसे गरीब देशों से भी पीछे गिर गया है। पाकिस्तान का पासपोर्ट इस सूची में 103वें स्थान पर है, और अफ्रीकी देशों जैसे सोमालिया, फिलिस्तीन, नेपाल और बांग्लादेश के पासपोर्ट की रैंकिंग पाकिस्तान से बेहतर है। यह स्थिति पाकिस्तान के लिए एक निराशाजनक संकेत है और देश की विदेश नीति और कूटनीतिक संबंधों को सुधारने की आवश्यकता को दर्शाता है।
भारत का पासपोर्ट: 85वां स्थान
भारत का पासपोर्ट 85वें स्थान पर है, जिसमें धारक 57 देशों में बिना वीजा के यात्रा कर सकते हैं। हालांकि, भारत की रैंकिंग पिछले साल के मुकाबले पांच स्थान गिर गई है, फिर भी यह पाकिस्तान से कहीं बेहतर स्थिति में है। भारत, जो एक वैश्विक शक्ति है, उसके नागरिकों के पास कुछ देशों में यात्रा करने की स्वतंत्रता है, लेकिन यह रैंकिंग यह भी दिखाती है कि भारत को अपनी अंतरराष्ट्रीय कूटनीति और व्यापारिक संबंधों को और बेहतर बनाने की आवश्यकता है, ताकि उसके नागरिकों के लिए यात्रा की स्वतंत्रता बढ़ सके।
भारत के पासपोर्ट का यह स्थान, भले ही पाकिस्तान से बेहतर है, लेकिन इसकी रैंकिंग को लेकर देश के नागरिकों में चिंता भी है। यदि भारत अपनी कूटनीतिक नीति में सुधार करता है और अपनी वैश्विक स्थिति को मजबूत करता है, तो भारत का पासपोर्ट भविष्य में और अधिक प्रभावी हो सकता है।

वैश्विक दृष्टिकोण
हेनले पासपोर्ट इंडेक्स में पासपोर्ट की ताकत का निर्धारण एक महत्वपूर्ण वैश्विक मानक है, जो देशों की कूटनीतिक स्थिति और उनके नागरिकों के लिए यात्रा की स्वतंत्रता का संकेत देता है। यह रैंकिंग न केवल देशों के वैश्विक प्रभाव को दर्शाती है, बल्कि उनके पासपोर्ट की ताकत और नागरिकों की यात्रा स्वतंत्रता को भी प्राथमिकता देती है।
संघर्षग्रस्त देशों जैसे इराक, सीरिया और अफगानिस्तान के पासपोर्ट की स्थिति भी कमजोर है, और ये देश भी इस सूची में निचले स्थानों पर हैं। इस प्रकार, यह रैंकिंग दुनिया भर के देशों के लिए एक संकेतक है कि वे किस हद तक वैश्विक स्तर पर अपनी कूटनीतिक स्थिति को मजबूत कर रहे हैं और अपने नागरिकों को यात्रा के मामले में कितनी स्वतंत्रता प्रदान कर रहे हैं।
हेनले एंड पार्टनर्स की पासपोर्ट रैंकिंग यह दिखाती है कि दुनिया भर के देशों के पासपोर्ट की ताकत में बड़ी विविधता है। सिंगापुर का पासपोर्ट जहां सबसे शक्तिशाली है, वहीं पाकिस्तान का पासपोर्ट सबसे कमजोर साबित हुआ है। भारत, हालांकि पाकिस्तान से बेहतर स्थिति में है, लेकिन उसे अपनी कूटनीतिक नीति और अंतरराष्ट्रीय संबंधों में सुधार की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में भारतीय नागरिकों को और अधिक यात्रा स्वतंत्रता मिल सके।