कस्बों में बसी हुई Colonies के निवासियों के लिए 1 वरदान

हरियाणा सरकार ने एक महत्वपूर्ण और राहत देने वाला निर्णय लिया है, जो राज्य के शहरी क्षेत्रों और कस्बों में बसी हुई Colonies के निवासियों के लिए वरदान साबित हो सकता है। अब हरियाणा में कई वर्षों से बसी कॉलोनियों को समापन प्रमाणपत्र (कंप्लीशन सर्टिफिकेट) लेने की आवश्यकता नहीं होगी।

यह फैसला उन Colonies के लिए है, जिनके पास पहले से आंशिक समापन प्रमाणपत्र (Partial Completion Certificate) उपलब्ध है। इस बदलाव से राज्य में बसी कॉलोनियों के निवासियों को न केवल राहत मिलेगी, बल्कि यह प्रक्रिया और अधिक सरल एवं पारदर्शी भी होगी।

कंप्लीशन सर्टिफिकेट की अनिवार्यता का संशोधन

हरियाणा सरकार ने विधि और विधायी विभाग के माध्यम से 21 जनवरी 2025 को हरियाणा नगरीय क्षेत्र विकास और विनियमन (संशोधन) विधेयक की नोटिफिकेशन जारी की है। इस विधेयक में किए गए संशोधनों के अनुसार, अब उन Colonies को समापन प्रमाणपत्र (कंप्लीशन सर्टिफिकेट) लेने की आवश्यकता नहीं होगी, जिन्हें पहले आंशिक समापन प्रमाणपत्र मिल चुका है। इस निर्णय से उन कॉलोनियों में रहने वाले लाखों लोगों को राहत मिलेगी, जिनके पास पहले से कुछ हिस्सों के लिए प्रमाणपत्र हो चुका है, लेकिन जिनके लिए समापन प्रमाणपत्र की प्रक्रिया लंबित थी।

कस्बों में बसी हुई Colonies के निवासियों के लिए 1 वरदान

इस बदलाव के कारण Colonies में रहने वाले निवासियों को अब और अधिक समय और प्रयास खर्च किए बिना अपने घरों के वैधता से संबंधित प्रमाणपत्र प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं होगी। यह निर्णय विशेष रूप से उन कॉलोनियों में निवास करने वाले लोगों के लिए राहत का कारण बनेगा, जो अब तक कानूनी प्रक्रिया के कारण परेशान थे।

क्यों लिया गया यह निर्णय?

हरियाणा सरकार ने यह संशोधन शहरी क्षेत्रों में भूमि उपयोग, भवन निर्माण और बुनियादी ढांचे के विकास में सुधार लाने के उद्देश्य से किया है। इससे न केवल Colonies में बुनियादी सुविधाओं को सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी, बल्कि इन कॉलोनियों के विकास को गति मिलेगी। यह कदम हरियाणा नगरीय क्षेत्र विकास और विनियमन अधिनियम-1975 में संशोधन करने के बाद उठाया गया है। इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य पहले से बसी हुई कॉलोनियों को समापन प्रमाणपत्र प्रदान करने में तेजी लाना और नए शहरों व कस्बों में विकास कार्यों को और अधिक सुगम बनाना है।

अब तक कई Colonies में समापन प्रमाणपत्र हासिल करना एक लंबी और जटिल प्रक्रिया थी। इस प्रक्रिया में न केवल समय लगता था, बल्कि इसमें कई कानूनी बाधाएं और दस्तावेजों की आवश्यकता होती थी। नए बदलाव से यह पूरी प्रक्रिया सरल हो जाएगी, और पुराने नियमों में बदलाव के कारण, इस समयबद्धता में भी सुधार होगा।

कंप्लीशन सर्टिफिकेट के बारे में विस्तार से

कंप्लीशन सर्टिफिकेट (Completion Certificate) एक ऐसा दस्तावेज है जिसे भवन निर्माण के बाद संबंधित प्राधिकरण द्वारा जारी किया जाता है, यह प्रमाणित करने के लिए कि निर्माण कार्य नियमों और निर्धारित मानकों के अनुरूप पूरा हुआ है। इसका महत्व इसलिए होता है क्योंकि बिना समापन प्रमाणपत्र के एक निर्माण परियोजना को कानूनी रूप से पूरा नहीं माना जा सकता। यह प्रमाणपत्र यह सुनिश्चित करता है कि भवन सभी सुरक्षा, निर्माण, और नगर निगम के नियमों के अनुरूप है।

कस्बों में बसी हुई Colonies के निवासियों के लिए 1 वरदान

लेकिन अब हरियाणा में जिन Colonies में पहले से आंशिक समापन प्रमाणपत्र जारी हो चुका है, उन्हें नए सिरे से समापन प्रमाणपत्र प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं होगी। यह विशेष रूप से उन कॉलोनियों के लिए फायदेमंद है, जिनका विकास पहले से ही सरकारी नियमन के अनुसार हुआ है, और जहां बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हैं।

संशोधन के फायदे

  1. विकास में तेजी: इस निर्णय से Colonies के विकास कार्यों में तेजी आएगी। अब पुराने और अधूरे कॉलोनी परियोजनाओं के लिए भी समापन प्रमाणपत्र मिलने में रुकावट नहीं आएगी।
  2. निवासियों को राहत: निवासियों को अब समापन प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए लंबी प्रक्रिया से गुजरने की जरूरत नहीं होगी। इसका मतलब है कि वे अपनी संपत्तियों की कानूनी स्थिति को जल्दी से साफ कर सकेंगे।
  3. कानूनी जटिलताओं में कमी: कई बार समापन प्रमाणपत्र की कमी के कारण कॉलोनियों के निवासियों को कानूनी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। अब इस नई नीति से यह जटिलताएं कम हो जाएंगी।
  4. बुनियादी सुविधाओं का सुधार: कॉलोनियों में पहले से बसी परियोजनाओं में बुनियादी सुविधाओं की स्थिति का सुधार होगा, क्योंकि यह विधेयक कॉलोनियों के समग्र विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
  5. प्रोसेस की पारदर्शिता: इस प्रक्रिया में पारदर्शिता भी बढ़ेगी, जिससे सरकार और नागरिकों के बीच विश्वास स्थापित होगा।

हरियाणा सरकार का यह निर्णय शहरी और कस्बाई क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए एक बड़ा लाभ साबित हो सकता है। यह कदम न केवल Colonies के विकास को बढ़ावा देगा, बल्कि यह नागरिकों को समय, लागत और कानूनी जटिलताओं से भी मुक्त करेगा। इस निर्णय से यह स्पष्ट होता है कि राज्य सरकार शहरी क्षेत्रों में सुधार और विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उम्मीद है कि आने वाले समय में अन्य राज्य भी इस प्रकार के सुधारों को अपनाएंगे ताकि उनके नागरिकों को भी लाभ मिल सके।

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