आजकल की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी और बढ़ते स्क्रीन टाइम ने हमारी आंखों की सेहत पर गंभीर असर डाला है। कमजोर रोशनी, जलन, सूखापन और मोतियाबिंद जैसी समस्याएं अब युवा उम्र में भी देखने को मिल रही हैं। ऐसे में, यदि आप प्राकृतिक उपायों की तलाश कर रहे हैं, तो शिमला मिर्च (Capsicum) को अपनी डाइट में शामिल करना एक उत्कृष्ट विकल्प हो सकता है।
शिमला मिर्च (Capsicum) न केवल स्वादिष्ट है, बल्कि इसमें कई पोषक तत्व होते हैं जो आंखों की रोशनी को सुधारने में सहायक होते हैं। इसमें मौजूद विटामिन C, एंटीऑक्सीडेंट्स और अन्य पोषक तत्व आंखों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करते हैं। नियमित रूप से इसका सेवन करने से आप अपनी आंखों की सेहत को बेहतर बना सकते हैं।

शिमला मिर्च (Capsicum)का सेवन कैसे करें
- नाश्ते में: सुबह के नाश्ते में ओमेलेट या सैंडविच में डाल सकते हैं।
- सूप और स्मूदी: हेल्दी सूप या स्मूदी में भी शामिल किया जा सकता है।
- सब्जी और भुर्जी: इसे सब्जी, स्टर फ्राई या भुर्जी में मिलाकर पका सकते हैं।
- कच्चा सलाद: शिमला मिर्च को सलाद के रूप में खा सकते हैं।
ध्यान देने योग्य बातें
संतुलित मात्रा: कच्ची शिमला मिर्च (Capsicum)का अधिक सेवन गैस पैदा कर सकता है।
Doctor की सलाह: यदि आपको कोई एलर्जी है, तो शामिल करने से पहले Doctor से सलाह लें।
धोकर उपयोग करें: शिमला मिर्च (Capsicum) को अच्छी तरह धोकर ही खाएं।
जिन लोगों को शिमला मिर्च (Capsicum) से बचना चाहिए
Blood pressure की समस्याएं
पेट की समस्याएं
दांतों में दाग
मुंह और पेट में जलन
सर्जरी कराने वाले या करा चुके।
रक्तस्राव संबंधी विकारों से पीड़ित।
Read latest news neerexpress :शिमला मिर्च (Capsicum) के ज़्यादा सेवन से होने वाले नुकसान
Blood pressure की समस्या वाले।
खून से जुड़ी बीमारियों वाले।
स्किन एलर्जी वाले।
गैस्ट्रो-ओसोफ़ेगल रिफ़्लक्स रोग या चिड़चिड़ा आंत्र सिंड्रोम वाले।
ज़रूरी बातें
एलर्जी होना दुर्लभ है, लेकिन इसकी तासीर गर्म होती है।
संतुलित मात्रा में ही सेवन करें।
मध्यम मात्रा में शिमला मिर्च का सेवन स्वस्थ आहार में मददगार हो सकता है।
अगर आप अपनी आंखों की रोशनी को प्राकृतिक रूप से बनाए रखना चाहते हैं, तो शिमला मिर्च (Capsicum)को अपने आहार में ज़रूर शामिल करें। यह स्वादिष्ट होने के साथ-साथ आंखों के लिए एक प्राकृतिक टॉनिक भी है।
शिमला मिर्च (Capsicum) के स्वास्थ्य लाभ
- ल्यूटिन और ज़ेक्सैन्थिन
शिमला मिर्च (Capsicum) में ल्यूटिन और ज़ेक्सैन्थिन जैसे तत्व होते हैं, जो रेटिना की रक्षा करते हैं और उम्र के साथ होने वाले दृष्टि दोष से बचाव करते हैं। - सूजन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस का नियंत्रण
इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स आंखों में सूजन को कम करते हैं और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को नियंत्रित करते हैं, जिससे मोतियाबिंद और ग्लूकोमा जैसी समस्याओं का खतरा घटता है। - विटामिन C का उत्कृष्ट स्रोत
शिमला मिर्च (Capsicum) में उच्च मात्रा में विटामिन C होता है, जो आंखों की कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाता है। यह मोतियाबिंद की प्रक्रिया को धीमा करने में सहायक है। - बीटा कैरोटीन का योगदान
यह एंटीऑक्सीडेंट शरीर में जाकर विटामिन A में परिवर्तित होता है। विटामिन A आंखों की रोशनी बनाए रखने और रतौंधी जैसी समस्याओं से बचाने में मदद करता है।

इन गुणों के कारण, शिमला मिर्च (Capsicum) आंखों की सेहत के लिए एक महत्वपूर्ण सामग्री है।
घर पर शिमला मिर्च (Capsicum) उगाने के लिए कदम
Read latest news neerexpress : गमला तैयार करें: अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी से भरा गमला लें। बीजों को 24 घंटे के लिए गुनगुने पानी में भिगो दें।
बीज बोना: मिट्टी में बीजों को 3 से 4 इंच की गहराई में बोएं। बीजों के ऊपर थोड़ी मिट्टी और पानी डालें।
धूप: गमले को धूप में रखें। रोज़ाना पानी दें।
खाद: पौधे के बड़े होने पर हर 20 दिन में जैविक खाद डालें कीड़ों से बचाने के लिए प्राकृतिक कीटनाशक का छिड़काव करें।

ध्यान रखने योग्य बातें
गमले का आकार: शिमला मिर्च (Capsicum) के पौधों को कम से कम 40 सेमी व्यास वाले गमले में लगाएं गमले को धूप वाली जगह पर रखें और तेज़ हवाओं से बचाएं।
जल निकासी: अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी का उपयोग करें। फलने के मौसम में नियमित रूप से पानी दें।
सहारा: पौधों को सहारा देने के लिए बांस या लकड़ी के खूंटे का इस्तेमाल करें।
गीली घास: खरपतवारों को दबाने और नमी बनाए रखने के लिए पौधों के चारों ओर जैविक गीली घास बिछाएं।
शिमला मिर्च (Capsicum) की खेती से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
खेती का सही समय
Read latest news neerexpress: मौसमी समय: शिमला मिर्च (Capsicum) की खेती के लिए June से March का समय सबसे उचित रहता है। पौधों को फूल आने और परिपक्व होने में आमतौर पर 2-3 महीने लगते हैं।
कटाई की विधि
फलों की स्थिति: तुड़ाई हमेशा फल के पूर्ण रंग और आकार होने पर करें। तुड़ाई करते समय 2-3 c.m. लंबा डण्ठल फल के साथ छोड़कर काटें। नियमित रूप से तुड़ाई करना आवश्यक है।
फल देने का समय: शिमला मिर्च (Capsicum) का पौधा रोपाई के 55 से 70 दिनों में फल देने लगता है। कटाई का समय 60-70 दिनों के बाद आता है।
कटाई का समय: कटाई के लिए लगभग 2-3 महीने का समय सही होता है।
पौधों का प्रबंधन
गुड़ाई: हर महीने पौधों की गुड़ाई करें। इससे पौधों में हरियाली और रौनक बनी रहती है। खरपतवारों का नियंत्रण पौधों की फलदारी और खूबसूरती को बनाए रखता है।