Uttar Pradesh सरकार ने प्राकृतिक खेती (Agriculture)को बढ़ावा देने के लिए बड़ा कदम उठाया है। Yogi Adityanath के नेतृत्व में राज्य सरकार आगामी 2 वर्षों में इस दिशा में 25 Billion rupees से अधिक खर्च करने जा रही है।
इस के तहत, पहले Bundelkhand और Ganga किनारे के क्षेत्रों में काम शुरू किया गया था, और अब इसका विस्तार Ganga की सहायक नदियों के दोनों ओर के इलाकों तक किया जा रहा है।
Govt का मकसद है कि किसानों को रासायनिक खेती (Agriculture) से हटाकर प्राकृतिक खेती की ओर किया जाए।
किसानों में जागरूकता फैलाने के लिए ‘कृषि सखी’ नामक योजना भी शुरू की जा रही है। इसके अंतर्गत हर कृषि सखी को 5,000 Rupye Monthly मानदेय दिया जाएगा। इन्हें कृषि विज्ञान केंद्रों के विशेषज्ञों द्वारा विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे किसानों को प्राकृतिक खेती (Agriculture) के फायदों और तकनीकों के बारे में बेहतर तरीके से समझा सकें।
Read Latest News Neerexpress: सरकार की इस पहल से उम्मीद की जा रही है कि खेती को अधिक टिकाऊ, सस्ती और पर्यावरण के अनुकूल बनाया जा सकेगा।

2,000 Crore Rupye
गौरतलब है कि हाल ही में प्रस्तुत बजट में Uttar Pradesh सरकार ने छुट्टा गोवंश के संरक्षण को लेकर एक अहम फैसला लिया है। सरकार ने इसके लिए 2,000 Crore Rupye का प्रावधान किया है। इससे पहले भी अनुपूरक बजट में 1,001 Crore Rupye की व्यवस्था की गई थी, जो सरकार की इस दिशा में गंभीरता को दर्शाता है।
सरकार ने बड़े गो-आश्रय केंद्रों के निर्माण की लागत को भी बढ़ाकर अब 1.60 Crore Rupye कर दिया है। इसके तहत कुल 543 नए गो-आश्रय केंद्रों के निर्माण को मंजूरी दी गई है।
सिर्फ इतना ही नहीं, मनरेगा योजना के तहत पशुपालकों को मवेशियों के लिए आश्रय स्थल बनाने और गोबर गैस प्लांट स्थापित करने में भी सहायता दी जा रही है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन को प्रोत्साहन मिल सके।
प्राकृतिक खेती (Agriculture) को बढ़ावा देने की दिशा में Uttar Pradesh सरकार एक New Model तैयार कर रही है। मुख्यमंत्री Yogi Adityanath की पहल पर प्रदेशभर में 7,700 से ज्यादा गो-आश्रय केंद्र विकसित किए गए हैं,
जिन्हें अब प्राकृतिक खेती (Agriculture) को बढ़ावा देने के लिए मॉडल के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। इन केंद्रों में फिलहाल लगभग 12.5 लाख निराश्रित गोवंश को आश्रय दिया गया है।
मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के तहत अब तक करीब 1 Lakh लाभार्थियों को 1.62 Lakh निराश्रित गोवंश सौंपे जा चुके हैं। योजना के अंतर्गत प्रत्येक लाभार्थी को गोवंश की देखभाल के लिए हर महीने 1,500 Rupye की सहायता राशि भी दी जा रही है। सरकार लगातार पशुपालकों को प्रोत्साहित कर रही है कि वे इन गोवंशों के माध्यम से न केवल पशुपालन करें, बल्कि प्राकृतिक खेती को भी अपनाएं।
Bundelkhand क्षेत्र (Jhansi, Lalitpur, Jalaun, Hamirpur, Mahoba, Banda और Chitrakoot) में ‘गो आधारित प्राकृतिक खेती (Agriculture) मिशन’ पहले से ही सक्रिय है।
इस मिशन में किसानों को गोबर और गोमूत्र से बने जैविक उत्पाद—जैसे जीवामृत, बीजामृत और घनजीवामृत—बनाने और उपयोग करने का प्रशिक्षण दिया गया है।
Read Latest News Neerexpress: अब तक मिशन के तहत 470 क्लस्टर बनाए गए हैं और 21,934 किसान इससे जुड़ चुके हैं। पहले और दूसरे चरण के संचालन के लिए सरकार ने 13.16 Crore Rupye की धनराशि भी जारी की है। यह पूरी योजना राज्य को रासायनिक खेती से हटाकर टिकाऊ और पर्यावरण-संवेदनशील कृषि की ओर ले जाने का प्रयास है।

Uttar Pradesh सरकार अब प्राकृतिक खेती को और वैज्ञानिक आधार देने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। इसके तहत हर जिले में दो ‘बायो-इनपुट रिसर्च सेंटर’ (BRC) स्थापित किए जाएंगे। इन केंद्रों का उद्देश्य जैविक खाद और कीटनाशक जैसे इनपुट्स पर शोध करना
प्रदेश के 282 Block और 2,144 ग्राम पंचायतों में लागू
सरकारी योजना के अनुसार, यह पहल प्रदेश के 282 Block और 2,144 ग्राम पंचायतों में लागू की जाएगी, जिससे लगभग 2.5 Lakh किसान सीधे लाभान्वित होंगे। खेती को Cluster model में संचालित किया जाएगा, जहां प्रत्येक Cluster 50 हेक्टेयर क्षेत्रफल में फैला होगा।
इस योजना पर आगामी 2 वर्षों में करीब 2,500 Crore Rupye खर्च किए जाने का लक्ष्य है। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि मिट्टी की गुणवत्ता को सुधारना अब प्राथमिकता बन गई है,

Read Latest News Neerexpress: 1 International Report के हवाले से बताया गया है कि वैश्विक स्तर पर करीब 15 प्रतिशत कृषि योग्य भूमि भारी धातुओं से प्रदूषित हो चुकी है। इसका असर दुनिया भर के लगभग 1.4 Crore लोगों पर पड़ रहा है, जो ऐसे प्रदूषित क्षेत्रों में रह रहे हैं या खेती (Agriculture) करते हैं। ऐसे में जैविक और प्राकृतिक खेती को अपनाना न केवल एक विकल्प, बल्कि ज़रूरत बन चुकी है।
कैसे करें Registration
अगर आप भी कृषि सखी बनना चाहती हैं तो इसके लिए नजदीक के कृषि विभाग जाकर आवेदन कर सकते हैं।
इसके अलावा www.manage.gov.in/KrishiSakhi/Login.aspx पर भी Registration करा सकती हैं
Registration के समय आपको अपना Name , Address , Bank की जानकारी सही ढंग से भरना होगा
जैविक खेती (Agriculture)
यूपी में मिट्टी में भारी धातुओं की मात्रा बढ़ती जा रही है। इसलिए किसानों को रसायन, पेस्टीसाइड के बिना खेती (Agriculture) के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।