Vita Milk: आम आदमी के लिए रोज़मर्रा की ज़रूरतें जैसे दूध, अब जेब पर भारी पड़ने लगी हैं। पहले Amul और Mother Dairy ने दूध के दाम बढ़ाए और अब Haryana डेयरी विकास सहकारी संघ लिमिटेड (Vita) ने भी अपने दूध की कीमतों में इज़ाफा कर दिया है। Vita ने दूध की कीमत में 2 Rupye प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है, जो 16 May से लागू हो चुकी है।
Vita का Ballabhgarh स्थित प्लांट रोज़ाना लगभग 1 लाख लीटर दूध की आपूर्ति करता है, जो Delhi NCR के कई क्षेत्रों तक पहुंचता है। इनमें Air Force Station Dabua Colony, NSG Manesar, Palwal, Faridabad, Gurgaon, Nuh और Rewari जैसे इलाके शामिल हैं। इन क्षेत्रों में रहने वाले लाखों लोगों के लिए अब दूध की खरीददारी पहले से अधिक खर्चीली हो गई है।

Vita कीमतों में हुई बढ़ोतरी का असर
Vita दूध की कीमतों में हुई बढ़ोतरी का असर सीधे उन शहरों और इलाकों पर पड़ेगा, जहां इसकी नियमित सप्लाई होती है। Delhi NCR के जिन क्षेत्रों में इसका प्रभाव सबसे अधिक देखने को मिलेगा,
Palwal Rewari- Vita का नेटवर्क इन क्षेत्रों में ग्रामीण और शहरी दोनों स्तरों पर फैला हुआ है, जिससे यहां के बड़ी संख्या में उपभोक्ता प्रभावित होंगे।
NSG Manesar और Dabua colony (एयरफोर्स स्टेशन)- इन सुरक्षा से जुड़े इलाकों में रहने वाले परिवारों को भी अब दूध के लिए अतिरिक्त खर्च करना पड़ेगा।
Nuh- यह इलाका आर्थिक रूप से अपेक्षाकृत कमजोर है, और यहां वीटा की उपस्थिति मुख्यतः ग्रामीण स्तर पर है। ऐसे में दूध की कीमत में हुई बढ़ोतरी यहां की रोजमर्रा की ज़िंदगी पर गहरा असर डालेगी।

Faridabad- यहां Vita दूध के उपभोक्ताओं की संख्या काफी अधिक है। रोजाना हजारों लीटर दूध की खपत के चलते यहां के लोगों पर यह मूल्यवृद्धि सीधा असर डालेगी।
Gurgaon- यह इलाका कॉर्पोरेट गतिविधियों का केंद्र है और यहां Vita की मांग लगातार बढ़ रही है। कीमतों में इज़ाफे का असर यहां के घरों और कार्यालयों दोनों में महसूस किया जाएगा।
Read Latest News Neerexpress:गर्मी की बढ़ती मार का असर सिर्फ मौसम तक सीमित नहीं रहा, अब इसका असर दूध के उत्पादन पर भी साफ दिखाई दे रहा है। तापमान के बढ़ने के साथ-साथ पशुओं के लिए चारे और पानी की उपलब्धता घटती जा रही है, जिससे दूध की मात्रा में गिरावट आ रही है।
इस गिरती हुई सप्लाई और लगातार बनी हुई मांग के बीच असंतुलन पैदा हो रहा है, जिसका सीधा असर दूध की कीमतों पर पड़ रहा है। ऐसे हालात में सिर्फ बड़ी कंपनियां ही नहीं, बल्कि छोटे स्तर पर काम करने वाली डेयरियां भी अपने उत्पादों के दाम बढ़ाने पर मजबूर हो सकती हैं। अगर हालात जल्द नहीं सुधरे, तो आने वाले दिनों में आम उपभोक्ताओं को और भी महंगे दूध का सामना करना पड़ सकता है।
दूध के दाम आखिर क्यों बढ़ाए गए?
Vita के अधिकारियों के अनुसार, दूध उत्पादन में लगने वाली लागत लगातार बढ़ रही है। चारे की ऊँची कीमतें, परिवहन का महंगा होना, बिजली के बढ़ते बिल और अन्य जरूरी संसाधनों की महंगाई ने इस स्थिति को जन्म दिया है। अधिकारियों का कहना है कि किसानों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य देना भी जरूरी है, ताकि वे उत्पादन जारी रख सकें और उनकी रोज़ी-रोटी प्रभावित न हो।

Read Latest News Neerexpress: एक अधिकारी ने बताया, “हमारे लिए यह निर्णय लेना आसान नहीं था। लेकिन बीते कुछ महीनों में लागत में जो बढ़ोतरी हुई है और बाजार में जो प्रतिस्पर्धा है, उसे देखते हुए हमें यह कदम उठाना पड़ा। उपभोक्ताओं पर इसका कम से कम असर हो, इसलिए हमने केवल 2 रुपये प्रति लीटर की ही वृद्धि की है।”
दूध हर घर की बुनियादी ज़रूरतों में शामिल है, और इसकी कीमत में ज़रा सी भी बढ़ोतरी सीधे तौर पर आम आदमी की जेब पर असर डालती है। दिल्ली-एनसीआर के कई उपभोक्ताओं ने इस मूल्यवृद्धि को लेकर चिंता जताई है।
फरीदाबाद की निवासी पूजा शर्मा कहती हैं, “सब्जियों और राशन की कीमतें पहले ही बढ़ चुकी हैं, अब दूध भी महंगा हो गया है। बच्चों को रोज़ दूध देना ज़रूरी है, लेकिन हर महीने का बजट अब और बिगड़ने लगा है।” वहीं गुड़गांव में रहने वाले सेवानिवृत्त अधिकारी विनोद कुमार का मानना है, “दूध एक आवश्यक वस्तु है। सरकार को इस पर सब्सिडी देनी चाहिए या फिर कंपनियों को कोई राहत दी जानी चाहिए, ताकि आम लोगों को कीमतों के बोझ से कुछ राहत मिल सके।”