प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी अनूठी परंपरा को कायम रखते हुए, पिछले 11 सालों में हर साल दीपावली का पर्व भारतीय सेना के जवानों के साथ सीमाओं पर मनाया है। इस वर्ष भी, 11वीं बार, प्रधानमंत्री ने जवानों के बीच जाकर उनके साथ दीवाली का त्यौहार मनाया और मिठाई बांटी। इस बार वे गुजरात के कच्छ में बॉर्डर पर पहुंचे और अपने हाथों से मिठाई खिलाई। इससे पहले वे जम्मू-कश्मीर चार बार जा चुके हैं, और दो बार हिमाचल प्रदेश के जवानों के साथ दीपावली मना चुके हैं।

प्रधानमंत्री मोदी का हर बार का यह विशेष अंदाज उन्हें आम जन से और भी जोड़ता है। वे खुद भारतीय सेना की वर्दी पहनते हैं और पूरी गर्मजोशी के साथ जवानों के बीच पहुंचते हैं, जिससे सैनिकों को एक नया आत्मविश्वास और ऊर्जा मिलती है। प्रधानमंत्री का जवानों के बीच जाकर त्यौहार मनाना न केवल उनके प्रति उनका सम्मान दिखाता है, बल्कि इस भाव से वे पूरे देश के लोगों को एकजुट करने का संदेश भी देते हैं। इसके माध्यम से वे यह बताते हैं कि चाहे कोई भी मौका हो, सीमाओं पर तैनात हमारे जवान ही असल में हमारे सबसे बड़े रक्षक और प्रेरणा स्रोत हैं।
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प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर पूरे देशवासियों को भी दीपावली की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने मां लक्ष्मी और भगवान गणेश से सभी के कल्याण की प्रार्थना की और इस पर्व के माध्यम से देश में शांति, समृद्धि और खुशहाली की कामना की। उनके इस कार्य से सैनिकों के बीच एक नई भावना का संचार होता है और वे अपने प्रधानमंत्री के सान्निध्य को एक विशेष उपहार मानते हैं।

प्रधानमंत्री का यह कदम न केवल एक अनूठी परंपरा को स्थापित करता है, बल्कि हमारे सैनिकों के मनोबल को भी ऊंचा उठाता है। इस साल कच्छ की सीमा पर उनके इस दौरे से यह संदेश जाता है कि चाहे देश का कोई भी हिस्सा हो, प्रधानमंत्री जवानों की कुर्बानी और उनके जज्बे को सलाम करते हैं।
