Karnataka में दूध (Milk) की कीमत में 4 रुपए की बढ़ोतरी की गई है। यह निर्णय आम जनता पर असर डाल सकता है, खासकर उन परिवारों पर जो दूध पर निर्भर हैं। Karnataka मिल्क (Milk) फेडरेशन ने अपने नंदिनी ब्रांड के दूध के रेट में यह वृद्धि की है। इससे अन्य डेयरी उत्पादों की कीमतों में भी वृद्धि हो सकती है।
हालिया कीमत बढ़ोतरी के बाद, टोन्ड दूध अब 46 रुपए प्रति लीटर पर उपलब्ध है, जो पहले 42 रुपए था। इसी तरह, होमोजीनाइज्ड दूध की कीमत भी बढ़कर 47 रुपए हो गई है, जबकि पहले यह 43 रुपए थी। इसके अलावा, गाय के दूध की कीमत 50 रुपए हो गई है, जो पहले 46 रुपए थी। यह बदलाव उपभोक्ताओं पर प्रभाव डाल सकता है।

शुभम दूध और दही की नई कीमतें:
शुभम दूध की कीमत अब 52 रुपए हो गई है, जो पहले 48 रुपए थी। साथ ही, दही की कीमत भी बढ़कर 54 रुपए हो गई है, जबकि पहले यह 50 रुपए थी। यह वृद्धि ग्राहकों पर असर डालेगी।
दूसरी डेयरी कंपनियों का दाम
नंदिनी दूध (Milk) की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद, अन्य प्रमुख डेयरी कंपनियों जैसे अमूल, मदर डेयरी और सुधा के भी दूध के दाम बढ़ाने की संभावना जताई जा रही है। यदि ये कंपनियां दाम बढ़ाती हैं, तो इसका प्रभाव देशभर में दूध और डेयरी उत्पादों की कीमतों पर पड़ेगा।

नई बाजारों में विस्तार की योजना:
KMF के अनुसार, दूध की बढ़ी हुई कीमतें नए बाजारों में विस्तार के लिए एक रणनीतिक कदम होंगी। इससे उनका अतिरिक्त दूध विभिन्न राज्यों में बिक्री के लिए उपलब्ध होगा, जिससे उनकी बाजार पहुंच बढ़ेगी।
KMF ने बताया कि 2024 में दूध की कीमतों में कोई वृद्धि नहीं हुई, क्योंकि दूध (Milk) की आपूर्ति में बढ़ोतरी हुई है। वर्तमान में, 1,050 मिलीलीटर नंदिनी टोंड दूध (नीला पैकेट) की कीमत 44 रुपये है।
दूध की कीमतों में बढ़ोतरी बस और मेट्रो किराए के साथ ही बिजली दरों में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए की गई है। इससे पहले, कर्नाटक दुग्ध महासंघ (केएमएफ) के अध्यक्ष भीमा नाइक ने दूध की कीमतों में बढ़ोतरी की संभावना जताई थी। KMF अपने डेयरी उत्पादों को ‘नंदिनी’ ब्रांड के तहत बाजार में लाता है। पिछले साल, KMF ने दूध की कीमत में प्रति पैकेट दो रुपये की वृद्धि की थी और साथ ही मात्रा में 50 मिलीलीटर का इजाफा किया था।

2004 में दूध की प्रति लीटर कीमत
साल 2004 में दूध की प्रति लीटर कीमत 16 रुपए थी। 2014 तक यह दोगुना होकर 32 रुपए हो गई। अब, वर्तमान में इसकी कीमत 60 रुपए से भी ज्यादा हो चुकी है। यह ध्यान देने योग्य है कि फरवरी 2006 में फुल क्रीम दूध की कीमत 19 रुपए प्रति लीटर थी। इसके बाद अगस्त 2008 में यह बढ़कर 28 रुपए प्रति लीटर, दिसंबर 2010 में 33 रुपए प्रति लीटर, और अप्रैल 2011 में 38 रुपए प्रति लीटर हो गई।
2006: फुल क्रीम दूध की कीमत 19 रुपये प्रति लीटर थी।
2008: यह बढ़कर 28 रुपये प्रति लीटर हो गई।
2010: दूध की कीमत 33 रुपये प्रति लीटर पहुंची।
2011: फिर यह 38 रुपये प्रति लीटर हो गई।
2012: इस अवधि में दूध की कीमतें धीरे-धीरे बढ़कर 33 से 38 रुपये प्रति लीटर के बीच रहीं।
2004: उस समय प्रति लीटर दूध की कीमत 16 रुपये थी।
2014: अंत में, दूध की कीमत 32 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गई।

केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी का कहना
कर्नाटक में दूध (Milk) की कीमतों में बढ़ोतरी को लेकर भाजपा ने सिद्धारमैया सरकार पर तीखा हमला किया है। केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने यह भी कहा कि एक ओर सरकार गारंटी देने का वादा कर रही है, जबकि दूसरी ओर वे अपने वादे वापस ले रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अपनी गारंटी पर सालाना 50,000 करोड़ रुपये खर्च करने का दावा करती है, लेकिन असल में लगभग 60-70,000 करोड़ रुपये कमा रही है। दूध की कीमतों में हालिया वृद्धि से यह स्पष्ट होता है कि सरकार की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है।
जोशी का कहना है कि कांग्रेस सरकार बनने के बाद से लगभग दो सालों में दूध, पेट्रोल, रजिस्ट्रेशन शुल्क, शराब, वाहन कर और जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र जैसी कई चीजों की कीमतें लगातार बढ़ती जा रही हैं।