गर्मी और तूफान का 1 दोहरा खतरा India

India की जलवायु जितनी विविधतापूर्ण है, उतनी ही रोमांचक भी। हर मौसम की अपनी एक पहचान होती है, और April उन महीनों में शामिल है जब मौसम करवट लेना शुरू करता है। यह वो समय है जब सर्दी की ठंडक पूरी तरह विदा ले चुकी होती है और गर्मी अपने पूरे तेवर में आने लगती है। साथ ही, कुछ इलाकों में मानसून पूर्व की आहट भी महसूस होने लगती है

इस बार April 2025 का मध्य देश के लिए मौसम के लिहाज से काफी हलचल भरा रहने वाला है। India मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 16 से 20 April के बीच देशभर में मौसम को लेकर चेतावनी जारी की है। चेतावनी केवल एक इलाके की नहीं, बल्कि पूरे India में मौसम के असामान्य और तीव्र बदलाव की है।

उत्तर भारत और पश्चिमी राज्यों में तापमान तेजी से बढ़ रहा है, जिससे लू की स्थिति बन रही है। वहीं पूर्वी और दक्षिणी हिस्सों में गरज-चमक, तेज बारिश और ओलावृष्टि जैसे मौसमी तुफानों का ख़तरा मंडरा रहा है। कुल मिलाकर, देश एक ही समय में गर्मी और आंधी-तूफान का दोहरा असर झेलने को तैयार हो रहा है

गर्मी और तूफान का दोहरा खतरा- India
गर्मी और तूफान का दोहरा खतरा- India

देशभर में सक्रिय हैं 5 चक्रवाती परिसंचरण

इन दिनों India के मौसम में हलचल मची हुई है — वजह है देशभर में सक्रिय पाँच अलग-अलग चक्रवाती परिसंचरण, जो अलग-अलग क्षेत्रों में मौसम को अप्रत्याशित बना रहे हैं। इन प्रणालियों का असर उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक दिखाई दे रहा है। आइए जानते हैं कहाँ-कहाँ मौसम किस करवट बैठ रहा है:

गल्फ ऑफ मन्नार में सक्रिय परिसंचरण

तमिलनाडु तट से सटे इस क्षेत्र में बना परिसंचरण दक्षिण भारत के लिए मानसून-पूर्व वर्षा की भूमिका निभा रहा है। तमिलनाडु, केरल और आंध्र प्रदेश में बारिश और गरज-चमक की गतिविधियाँ तेज़ हो गई हैं।

बंगाल की खाड़ी के पास तमिलनाडु के समीप परिसंचरण:

यह प्रणाली सिर्फ दक्षिण India तक सीमित नहीं है। इसका प्रभाव ओडिशा, पश्चिम बंगाल और आसपास के पूर्वी राज्यों तक फैल चुका है। नतीजतन, इन इलाकों में आंधी, बिजली और बारिश की संभावना बढ़ गई है।

पश्चिमी असम में परिसंचरण

Read Latest News Neerexpress: पूर्वोत्तर India का मौसम इस परिसंचरण के चलते बेहद अस्थिर बना हुआ है। असम, मेघालय, मणिपुर जैसे राज्यों में लगातार बारिश और गरज-चमक की स्थिति बनी हुई है, जिससे जनजीवन प्रभावित हो रहा है।

पश्चिम राजस्थान में चक्रवातीय हलचल:

यह इलाका अब भीषण गर्मी की गिरफ्त में है। यहाँ का परिसंचरण लू और धूलभरी आंधियों को बढ़ावा दे रहा है। तापमान में तीव्र बढ़ोतरी और शुष्क हवाएं वातावरण को और कठिन बना रही हैं।

दक्षिण मध्य प्रदेश में सक्रिय परिसंचरण:

यह प्रणाली मध्य India को प्रभावित करने के साथ-साथ एक ट्रफ रेखा के माध्यम से दक्षिण-पश्चिम क्षेत्रों तक अपना असर फैला रही है। मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक में बादल, गरज और हल्की बारिश की गतिविधियाँ देखने को मिल रही हैं।

दक्षिण India मध्य प्रदेश में सक्रिय परिसंचरण

ट्रफ रेखाओं का असर

दक्षिण भारत ट्रफ रेखा:

एक ट्रफ रेखा इस समय दक्षिण आंतरिक कर्नाटक से होते हुए तमिलनाडु और तटीय इलाकों तक फैली हुई है। इसका सीधा असर दक्षिण भारत के मौसम पर देखा जा रहा है, जहाँ लगातार बिजली, गरज और बौछारों की गतिविधियाँ दर्ज की जा रही हैं। यह ट्रफ गर्मी और उमस के बीच अचानक आने वाली बारिश की वजह बन रही है।

मध्य India ट्रफ रेखा:

दूसरी ट्रफ रेखा दक्षिण मध्य प्रदेश से लेकर गंगीय पश्चिम बंगाल तक फैली हुई है। इसका प्रभाव व्यापक है — इस रेखा के प्रभाव से मध्य और पूर्वी भारत के कई हिस्सों में आंधी, तेज़ हवाएं और गरज-चमक के साथ बारिश हो रही है। खासकर झारखंड, बिहार और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में यह गतिविधियाँ और तेज़ होने के आसार हैं।

गर्म हवाओं और लू

India के मौसम में एक बड़ी चुनौती का सामना करने वाला है – लू और भीषण गर्मी। जैसे ही April का महीना आता है, देश के विभिन्न हिस्सों में गर्म हवाएं और लू का प्रकोप बढ़ने लगता है। इस वर्ष 2025 में, भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 16 से 20 April के बीच देश के कई हिस्सों में भीषण लू की स्थिति के बारे में चेतावनी जारी की है, जो विशेष रूप से उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत के क्षेत्रों में महसूस की जाएगी।

लू एक ऐसी गर्म और शुष्क हवा होती है, जो जब अधिकतम तापमान सामान्य से 4.5 डिग्री सेल्सियस अधिक हो जाती है, तो इसे लू कहा जाता है। यदि यह तापमान 6.5 डिग्री सेल्सियस से अधिक बढ़ जाए, तो इसे अत्यधिक भीषण लू (Severe Heatwave) कहा जाता है। यह गर्म हवाएं शरीर के तापमान को असहनीय बना देती हैं, और हीट स्ट्रोक जैसी स्वास्थ्य समस्याएँ पैदा कर सकती हैं।

कहाँ होगा लू का असर

राजस्थान के जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर, जोधपुर जैसे प्रमुख जिलों में तापमान 44-46°C तक पहुँच सकता है। इन इलाकों में शुष्क हवाएं चलेंगी, और नमी का स्तर 10% से भी कम हो सकता है। खुले में रहने वालों को हीट स्ट्रोक का खतरा अधिक होगा।

राजस्थान के जयपुर, अलवर, उदयपुर और गुजरात के अहमदाबाद जैसे शहरों में तापमान 42-44°C तक पहुँचने की संभावना है। यह लू की स्थिति 18 April तक बनी रह सकती है। विशेषकर शहरी क्षेत्रों में, Urban Heat Island प्रभाव के कारण तापमान और बढ़ सकता है।

मध्य प्रदेश के इंदौर, भोपाल, और महाराष्ट्र के नागपुर, अकोला जैसे शहरों में रात का तापमान भी 30°C के पार जा सकता है। यहाँ की गर्म रातें, जिसे Warm Night Alert कहा गया है, लोगों को रात में भी राहत नहीं देंगी।

स्कूल, कॉलेज और कार्यालयों के लिए दिशा-निर्देश

शिक्षण संस्थान

गर्मी और लू के प्रभाव को कम करने के लिए, स्कूलों को सुबह की शिफ्ट में चलाने का सुझाव दिया गया है, ताकि दोपहर की तीव्र गर्मी से बचा जा सके
छात्रों को पानी की बोतल और टोपी लाने के निर्देश दिए जाएं ताकि वे खुद को हाइड्रेटेड और सुरक्षित रख सकें।

गर्मी के कारण आउटडोर गतिविधियों को कम से कम किया जाए, खासकर दोपहर के समय जब तापमान बहुत अधिक रहता है।

कार्यालय

लू की स्थिति के दौरान, दोपहर की पाली में कार्य रोकने की सिफारिश की जाती है, ताकि श्रमिक और कर्मचारी गर्मी के प्रभाव से बच सकें।

कार्यालयों और निर्माण स्थलों पर छाया, पानी और प्राथमिक चिकित्सा की सुविधा सुनिश्चित की जाए ताकि किसी को भी आपातकालीन स्थिति का सामना न करना पड़े।

कर्मचारियों को नियमित ब्रेक दिए जाएं और हाइड्रेशन पर ध्यान केंद्रित किया जाए, ताकि उनका स्वास्थ्य प्रभावित न हो।

प्रशासन

स्थानीय प्रशासन को राहत कैंप, जल वितरण केंद्र और प्राथमिक चिकित्सा केंद्र सक्रिय रखने की आवश्यकता है, ताकि लू के प्रभाव से प्रभावित लोगों को तत्काल मदद मिल सके
आपदा प्रबंधन एजेंसियों को ग्रामीण क्षेत्रों में चेतावनी सन्देश और हेल्पलाइन सक्रिय करनी चाहिए ताकि लोग जल्दी से सतर्क हो सकें और खुद को सुरक्षित रख सकें।

NGOs और स्थानीय समुदायों को लू प्रभावित व्यक्तियों के लिए राहत प्रदान करने का जिम्मा सौंपा जाना चाहिए, जैसे कि पानी की व्यवस्था, राहत सामग्री और चिकित्सा सहायता।

स्वास्थ्य पर प्रभाव

भीषण गर्मी और लू का प्रभाव मानव स्वास्थ्य पर सीधा असर डालता है, खासकर बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार व्यक्तियों पर। हीट स्ट्रोक के लक्षणों में शामिल हैं:

अत्यधिक पसीना या बिलकुल भी पसीना न आना

सिरदर्द और चक्कर आना

उल्टी और मितली

शरीर का तापमान 104°F (40°C) से अधिक हो जाना

बचाव के उपाय

इन खतरों से बचने के लिए निम्नलिखित उपायों को अपनाया जा सकता है:

हल्के रंग के, ढीले और सूती कपड़े पहनें ताकि शरीर को ठंडा रखा जा सके।

दिन के समय 12 से 4 बजे तक धूप में बाहर निकलने से बचें, क्योंकि इस दौरान गर्मी अपने चरम पर होती है।

बहुत सारा पानी पीएं, भले ही प्यास न लगे। हाइड्रेटेड रहना बहुत महत्वपूर्ण है।

नमक और चीनी युक्त घोल (ORS) का सेवन करें, यह शरीर के लवण और तरल पदार्थों को बनाए रखने में मदद करता है।

Read Latest News Neerexpress: घर पर पंखे, कूलर और छाया का प्रयोग करें ताकि वातावरण ठंडा रहे।

जनजीवन पर प्रभाव

कृषि पर असर:

गर्म हवाएं और तेज गर्मी कृषि पर भी गंभीर असर डाल सकती हैं: गेहूं, आम, केले और सब्जियों की फसलों को नुकसान हो सकता है। धान की नर्सरी की बुआई में देरी हो सकती है, जो फसल उत्पादन में कमी का कारण बनेगा।

सिंचाई की आवश्यकता बढ़ने के कारण जल संकट उत्पन्न हो सकता है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां पानी की कमी है।

यातायात पर प्रभाव:

सड़क की सतह के गर्म होने से गाड़ियों के टायर फटने की घटनाएँ बढ़ सकती हैं। धूलभरी आंधियाँ दृश्यता में कमी कर सकती हैं, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है।

ट्रेन और उड़ानों के समय में भी बदलाव हो सकता है, खासकर यदि मौसम की स्थिति अत्यधिक अस्थिर हो।

शहरी क्षेत्र

बिजली की खपत बढ़ने से ग्रिड पर दबाव बढ़ सकता है, जिससे लोडशेडिंग हो सकती है। पानी की आपूर्ति पर असर पड़ सकता है, क्योंकि गर्मी के कारण पानी की आवश्यकता बढ़ जाती है।

हीट स्ट्रोक के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी से अस्पतालों पर दबाव बढ़ेगा, जिससे स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं।

उपयोगी सुझाव

गर्मी का मौसम केवल इंसानों ही नहीं, बल्कि पूरे वातावरण को प्रभावित करता है। ऐसे में हर नागरिक की जिम्मेदारी बनती है कि वो न सिर्फ खुद का, बल्कि अपने आसपास के लोगों और जीव-जंतुओं का भी ख्याल रखें। नीचे कुछ जरूरी बातें दी गई हैं:

गर्मी का असर बुज़ुर्गों पर ज़्यादा होता है। ऐसे में घर में रह रहे Elderly लोगों की खास देखभाल करें — उन्हें ठंडी जगह रखें, समय-समय पर पानी पिलाएँ और उनकी दवाओं का ध्यान रखें। गर्मियों में पक्षियों और आवारा जानवरों के लिए पानी ढूंढना भी मुश्किल हो जाता है। घर की छत, बालकनी या बाहर एक पानी का बर्तन जरूर रखें। यह एक छोटा-सा कदम बहुत सी ज़िंदगियाँ बचा सकता है।

India के अधिकांश भागों में अप्रत्याशित मौसम परिवर्तन

उत्तर भारत का मौसम अपडेट

हिमालयी क्षेत्र (जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड):

India के अधिकांश भागों में अप्रत्याशित मौसम परिवर्तन

18 और 19 April ।
इन 2 दिनों में एक मजबूत पश्चिमी विक्षोभ के कारण पूरे हिमालयी क्षेत्र में भारी बर्फबारी और बारिश का अनुमान है।

Read Latest News Neerexpress: श्रीनगर, मनाली, गुलमर्ग और नैनीताल जैसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों पर मौसम का बड़ा असर पड़ सकता है।

ऊँचाई वाले इलाकों में सड़कों पर बर्फ जमा हो सकती है, जिससे यातायात बाधित होने की आशंका है।

उत्तर-पश्चिम India

पंजाब और हरियाणा

17 और 18 April को इन राज्यों में मौसम बिगड़ सकता है। लुधियाना, अमृतसर, रोहतक और हिसार में धूलभरी आंधी, तेज हवाएं, और बिजली गिरने की संभावना जताई गई है।इस बदलाव का असर गेहूं की कटाई पर पड़ सकता है

उत्तर प्रदेश (पश्चिमी भाग)

आगरा, मेरठ, सहारनपुर जैसे इलाकों में आंशिक बादल छाए रह सकते हैं। गरज के साथ तेज बारिश और हवाओं की संभावना है, जिससे जनजीवन प्रभावित हो सकता है।

पश्चिम India

राजस्थान गर्म हवाओं की चपेट में पश्चिमी इलाके राजस्थान के पश्चिमी जिलों में भीषण गर्मी का कहर जारी है।जैसलमेर, बाड़मेर, बीकानेर और जोधपुर में तापमान 44°C से 46°C तक पहुंचने का अनुमान है।

मौसम विभाग ने गंभीर लू की चेतावनी जारी की है, खासकर दोपहर के समय बाहर निकलने से बचने की सलाह दी गई है।

गुजरात

अहमदाबाद, गांधीनगर और कच्छ क्षेत्र में तेज धूप और गर्म हवाओं के कारण तापमान लगातार ऊँचा बना हुआ है।
किसानों को सलाह दी गई है कि वे सिंचाई सुबह या शाम के समय करें ताकि पानी की बर्बादी रोकी जा सके।

दक्षिण India

चेन्नई, वेल्लोर, तंजावुर और मदुरै में भारी बारिश के साथ तेज हवाएं चलने की संभावना है। कुछ इलाकों में बिजली गिरने के कारण पॉवर कट हो सकते हैं — जनता को सतर्क रहने की जरूरत है।

तेलंगाना

हैदराबाद, करीमनगर और वारंगल में तेज गर्जना और बारिश की संभावना बनी हुई है। 18 April को बिजली गिरने का अलर्ट जारी हुआ है। खुले इलाकों से दूरी बनाए रखें।

आंध्र प्रदेश और कर्नाटक

विशाखापट्टनम, विजयवाड़ा और बेंगलुरु में बादल छाए रहेंगे और हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। कुछ क्षेत्रों में तेज हवाएं (40 किमी/घंटा तक) चलने का अनुमान है, जिससे पेड़ गिरने या बिजली की लाइन बाधित हो सकती है।

केरल

मुन्नार, इडुक्की और कोट्टायम जैसे हिल स्टेशन में भारी बारिश के साथ भूस्खलन का खतरा।

उत्तर-पूर्व India

असम और मेघालय: बारिश और गरज के साथ बिजली गिरने का दौर 16 से 20 April के बीच असम और मेघालय में लगातार बारिश का सिलसिला जारी रहेगा।
गुवाहाटी, सिलचर, शिलांग और तिनसुकिया जैसे शहरों में गरज-चमक के साथ बिजली गिरने की घटनाएँ सामने आ सकती हैं। तेज हवाओं से पेड़ गिरने और कुछ इलाकों में सड़कों के बाधित होने की आशंका जताई गई है।

उत्तर-पूर्व India

नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा: भारी बारिश और भूस्खलन का खतरा इन राज्यों में लगातार हो रही बारिश से भूस्खलन की स्थिति बन सकती है, खासकर पर्वतीय और ग्रामीण इलाकों में। 17 और 18 April को कुछ जिलों में भारी बारिश और बिजली गिरने का अलर्ट जारी किया गया है। नदियों के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी होने की संभावना है

मध्य India

महाराष्ट्र

नागपुर, चंद्रपुर, अकोला और वर्धा में गरज-चमक के साथ बारिश की स्थिति बनी हुई है। आम की फसल इस मौसम से प्रभावित हो सकती है — तेज हवाओं से फलों का गिरना और फसल को नुकसान संभव है।

छत्तीसगढ़

Read Latest News Neerexpress: रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग में 40-50 किमी/घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं। बिजली गिरने की चेतावनी के चलते खेतों में काम कर रहे मजदूरों और चरवाहों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।

स्थानीय पंचायतों को ग्रामीणों को समय रहते सूचना देने के लिए माइक्रो अलर्ट सिस्टम सक्रिय रखने की आवश्यकता है।

पूर्वी India

पूर्वी India के राज्यों ओडिशा, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल में 16 से 18 April तक मौसम की स्थिति काफी अस्थिर और चुनौतीपूर्ण रहने वाली है। इस दौरान तेज हवाएं, गरज-चमक के साथ बारिश और बिजली गिरने की घटनाएं होने की संभावना है,

ओडिशा
16 April को राज्य के कई जिलों गंजाम, कंधमाल, सुंदरगढ़, मयूरभंज और क्योंझर में 60 किमी/घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं। भारी बारिश और ओलावृष्टि की संभावना के चलते लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।

बिहार और झारखंड

पटना, गया, भागलपुर, रांची समेत कई शहरों में बिजली के साथ वर्षा की संभावना है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *