आजकल, साइबर ठगी Cyber Fraud एक बड़ी समस्या बन गई है। हर दिन लाखों लोग ऑनलाइन लेन-देन करते हैं, लेकिन इनमें से कुछ लोग ठगी का शिकार हो जाते हैं। साइबर ठगी के मामलों में एक महत्वपूर्ण समय होता है, जिसे ‘गोल्डन आवर्स’ (Golden Hours) कहा जाता है। यह वह समय होता है जब आप ठगी का शिकार होने के बाद तुरंत कदम उठाते हैं, और इसी समय में अगर आप सही कदम उठाते हैं तो आपके पैसे वापस मिल सकते हैं। इस पोस्ट में हम जानेंगे कि गोल्डन आवर्स क्या है, इसे कैसे पहचानें, और अगर आप साइबर ठगी का शिकार हो गए हैं तो आपको क्या करना चाहिए।
गोल्डन आवर्स क्या है? Cyber Fraud और ‘Golden Hours
साइबर ठगी के मामले में ‘गोल्डन आवर्स’ उस समय को कहा जाता है जब ठगी का अहसास होते ही आप तुरंत प्रतिक्रिया करते हैं। यह समय ठगी के बाद का पहला घंटा होता है। जब तक आप ठगी का एहसास करते हैं और कार्रवाई नहीं करते, जालसाज आपकी रकम को कई अकाउंट्स में ट्रांसफर कर सकते हैं। इसलिए इस समय का सही उपयोग करना बहुत महत्वपूर्ण होता है।

इस समय के दौरान, अगर आप 1930 नंबर पर तुरंत कॉल करते हैं या गृह मंत्रालय के साइबर क्राइम पोर्टल पर रिपोर्ट दर्ज कराते हैं, तो पुलिस और बैंक तुरंत एक्शन लेते हैं और ठगी से संबंधित रकम को फ्रीज या ब्लॉक कर सकते हैं। इस तरह, आपका पैसा चोरी होने से पहले ही रोक लिया जाता है।
साइबर ठगी के बाद क्या कदम उठाएं? Cyber Fraud और ‘Golden Hours
यदि आप या आपके किसी जानने वाले के साथ साइबर ठगी होती है, तो आपको त्वरित कार्रवाई करनी चाहिए। यदि आप सही समय पर कदम उठाते हैं, तो आपके पैसे वापस मिल सकते हैं। यहां कुछ महत्वपूर्ण कदम दिए गए हैं, जो आपको तुरंत उठाने चाहिए:
- 1930 नंबर पर कॉल करें
जब आपको यह अहसास हो कि आप साइबर ठगी का शिकार हो गए हैं, तो सबसे पहले 1930 नंबर पर कॉल करें। यह नंबर गृह मंत्रालय के साइबर क्राइम पोर्टल का सेंट्रलाइज नंबर है, जो आपको ठगी की शिकायत दर्ज करने की सुविधा देता है। इस नंबर पर कॉल करके आप अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
इस नंबर पर कॉल करते ही, आपकी शिकायत के आधार पर संबंधित बैंक या ई-साइट को अलर्ट किया जाता है। 7-8 मिनट के अंदर, अगर आपने सही जानकारी दी है, तो आपके पैसे को होल्ड कर लिया जाएगा। यानी कि आपके खाते से पैसे निकालने से पहले ही वे रोक लिए जाएंगे।
- बैंक को जानकारी दें
यदि ठगी का शिकार आपके बैंक खाते से संबंधित है, तो तुरंत अपने बैंक को जानकारी दें। उन्हें बताए कि आपके साथ ठगी हुई है और आपके खाते की सभी लेन-देन को ब्लॉक करने के लिए कहें।
अगर आपने किसी डिजिटल वॉलेट का उपयोग किया है, तो उस वॉलेट की ग्राहक सेवा से संपर्क करके अपने अकाउंट को लॉक करने की मांग करें।
- सिम कार्ड को ब्लॉक कराएं
यदि आपके मोबाइल से धोखाधड़ी की गई है या कोई ऐप डाउनलोड करके ठगी की गई है, तो तुरंत अपने सिम कार्ड को ब्लॉक कराएं। सिम प्रोवाइडर कंपनी को कॉल करके इस प्रक्रिया को जल्दी से पूरा कराएं, ताकि कोई अन्य व्यक्ति आपके सिम का दुरुपयोग न कर सके।
- पुलिस में शिकायत दर्ज कराएं
साइबर ठगी का शिकार होने के बाद आपको अपनी नजदीकी पुलिस स्टेशन में जाकर शिकायत दर्ज करानी चाहिए। शिकायत में आपको अपनी बैंक पासबुक रिकॉर्ड की कॉपी, पहचान पत्र (ID proof), और एड्रेस प्रूफ की कॉपी जमा करनी होगी। यह पुलिस को मामले की जांच में मदद करेगा।
- साइबर क्राइम पोर्टल पर ऑनलाइन शिकायत करें
गृह मंत्रालय द्वारा संचालित साइबर क्राइम पोर्टल (cybercrime.gov.in) पर आप अपनी शिकायत ऑनलाइन भी दर्ज कर सकते हैं। इस पोर्टल का उद्देश्य साइबर क्राइम से संबंधित शिकायतों को तेजी से निपटाना है। यह पोर्टल 24×7 उपलब्ध है, और इसके माध्यम से आप तुरंत अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
साइबर ठगी से बचने के लिए सावधानियां,Cyber Fraud और ‘Golden Hours
साइबर ठगी से बचने के लिए आपको कुछ महत्वपूर्ण सावधानियां बरतनी चाहिए। यहाँ कुछ सलाह दी जा रही हैं:
- डिजिटल वॉलेट के नाम पर ठगों से सावधान रहें
अगर कोई व्यक्ति आपको डिजिटल वॉलेट का एग्जिक्यूटिव बनकर कॉल करता है और आपको अपनी जानकारी देने के लिए कहता है, तो उसे अनसुना करें। ऐसे कॉल्स अक्सर धोखाधड़ी के इरादे से किए जाते हैं।
- अजनबियों से लिंक भेजने पर ध्यान दें
कभी भी अजनबियों से भेजे गए लिंक पर क्लिक न करें। यदि किसी ने आपको संदेहास्पद लिंक भेजा है, तो उसे खोलने से पहले अच्छी तरह से जांच लें। ये लिंक आपकी व्यक्तिगत जानकारी चुराने के लिए हो सकते हैं।
- सभी ऐप्स को डाउनलोड न करें
कोई भी ऐप डाउनलोड करने से पहले उसके बारे में पूरी जानकारी लें। अगर कोई ऐप डाउनलोड करने के लिए कहे, तो उस पर ध्यान दें। कुछ ऐप्स आपके डेटा की चोरी करने के लिए हो सकते हैं।

- कोड्स और पासवर्ड से संबंधित सावधानियां
अगर आपको किसी ऐप या वेबसाइट पर 9 अंकों का कोड साझा करने के लिए कहा जाए, तो कभी भी उसे न दें। यह एक प्रमुख संकेत है कि आप साइबर ठगी का शिकार हो सकते हैं।
साइबर ठगी के मामले में गोल्डन आवर्स यानी ठगी के बाद का पहला घंटा बेहद महत्वपूर्ण है। इस समय में आपकी त्वरित प्रतिक्रिया और सही कदम उठाने से आप अपनी रकम वापस पा सकते हैं और ठगों को गिरफ्तार करने में भी मदद कर सकते हैं। इसलिए साइबर ठगी का शिकार होने पर घबराएं नहीं, बल्कि तुरंत सही कदम उठाएं।