उत्तर प्रदेश में आवारा कुत्तों का आतंक

उत्तर प्रदेश में इन दिनों आवारा कुत्तों का आतंक दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। आए दिन कुत्ते लोगों पर हमला करके उन्हें घायल कर रहे हैं। इस समस्या का असर खासकर बच्चों, बुजुर्गों और पैदल चलने वालों पर अधिक पड़ रहा है। हाल ही में आगरा से एक ऐसी ही दर्दनाक घटना सामने आई है, जिसने इस गंभीर समस्या को और भी उजागर किया है। आगरा के ईदगाह कटघर कॉलोनी में एक बुजुर्ग महिला पर आवारा कुत्तों के झुंड ने हमला कर दिया, जिससे वह बुरी तरह घायल हो गईं।

घटना का पूरा विवरण

आगरा के ईदगाह कटघर कॉलोनी में हुई यह घटना एक आम सुबह की सैर का दर्दनाक रूप बनकर सामने आई। करीब 60-65 वर्ष की बुजुर्ग महिला अपने रोजाना के व्यायाम के लिए सुबह सैर पर निकली थीं। वह जैसे ही अपनी सैर पर जा रही थीं, अचानक लगभग सात आवारा कुत्तों के झुंड ने उन पर हमला कर दिया। कुत्तों ने महिला को नीचे गिरा दिया और चारों ओर से उसे घेर लिया। महिला ने अपनी जान बचाने के लिए बहुत संघर्ष किया, लेकिन कुत्तों ने उसे बुरी तरह से नोंच डाला।

उत्तर प्रदेश में आवारा कुत्तों का आतंक

महिला की चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग आए, लेकिन तब तक कुत्ते महिला के पैर को अपने जबड़ों में दबाकर उसे एक खाली प्लॉट में खींच ले गए थे। यह दृश्य बेहद डरावना और भयावह था, जिसमें महिला के शरीर पर गहरे घाव हो गए थे। कुत्तों का हमला इतना भयंकर था कि महिला को बचाने के लिए लोग तुरंत मौके पर पहुंचे और कुत्तों को भगाकर महिला की जान बचाई। इसके बाद महिला को गंभीर हालत में जिला अस्पताल भेजा गया, जहां उन्हें इलाज दिया गया और इंजेक्शन भी लगाए गए।

सीसीटीवी फुटेज में कैद हुआ खौफनाक दृश्य

इस घटना का पूरा मंजर सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। सीसीटीवी फुटेज में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि कुत्तों के झुंड ने महिला को कैसे घेरा और उसे नीचे गिराकर बुरी तरह नोंच डाला। वीडियो में महिला की चीखने की आवाज सुनाई देती है, जो एक भयावह अनुभव को उजागर करती है। इस वीडियो के वायरल होने के बाद स्थानीय लोग बेहद चिंतित हैं और इस घटना के बाद आवारा कुत्तों के बढ़ते आतंक को लेकर सवाल उठ रहे हैं।

उत्तर प्रदेश में आवारा कुत्तों का आतंक

आवारा कुत्तों का बढ़ता खतरा

आगरा में हुई यह घटना अकेली नहीं है। उत्तर प्रदेश के कई अन्य जिलों और शहरों में भी आवारा कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। कई बार कुत्ते न सिर्फ बच्चों और बुजुर्गों को अपना शिकार बनाते हैं, बल्कि वे यातायात में भी खलल डालते हैं। अक्सर कुत्तों के झुंड सड़क पर घूमते हुए वाहन चालकों के लिए खतरा बन जाते हैं। कुत्तों के हमले में लोग घायल होते हैं, और कभी-कभी यह हमले गंभीर चोटों का कारण बन जाते हैं।

आवारा कुत्तों के हमलों से सिर्फ शारीरिक क्षति नहीं होती, बल्कि मानसिक तनाव भी होता है। ऐसे कुत्तों के आतंक के कारण लोग घर से बाहर निकलने में डर महसूस करने लगे हैं। खासकर सुबह और शाम के समय जब लोग सैर पर निकलते हैं, तो आवारा कुत्तों के झुंड उनका पीछा करने लगते हैं।

प्रशासन की भूमिका और समाधान

आवारा कुत्तों के बढ़ते आतंक के समाधान के लिए प्रशासन को ठोस कदम उठाने की जरूरत है। यह स्थिति चिंताजनक बन गई है, और यदि इसे समय रहते नियंत्रित नहीं किया गया तो भविष्य में इससे और भी खतरनाक घटनाएं हो सकती हैं।

कुत्तों के बढ़ते झुंडों को शहरों से बाहर निकालने और उनकी संख्या को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन को सख्त कदम उठाने होंगे।

कुछ शहरों में कुत्तों को पकड़ने और उन्हें सुरक्षित आश्रयों में भेजने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन यह प्रक्रिया धीमी और अपर्याप्त साबित हो रही है। कुत्तों की संख्या में बढ़ोतरी के कारण यह समस्या विकराल रूप धारण कर चुकी है। इसके साथ ही, नगर निगम को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि कुत्तों को खुला छोड़ने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

नागरिकों की जिम्मेदारी

आवारा कुत्तों का आतंक केवल प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि नागरिकों को भी इस मुद्दे पर सजग रहने की आवश्यकता है। यदि किसी को सड़क पर आवारा कुत्तों का झुंड दिखाई देता है, तो उसे तुरंत स्थानीय अधिकारियों को सूचित करना चाहिए। इसके अलावा, कुत्तों को खुले में छोड़ने वाले व्यक्तियों के खिलाफ भी जागरूकता फैलानी चाहिए।

नागरिकों को अपनी सुरक्षा के प्रति जागरूक रहना चाहिए। यदि वे किसी खाली जगह पर कुत्तों का झुंड देखते हैं, तो उस रास्ते से दूर रहना चाहिए और तुरंत सुरक्षित स्थान पर जाना चाहिए। बच्चों और बुजुर्गों को खासतौर पर इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिए सतर्क रहना चाहिए।

आगरा में हुई यह घटना एक संकेत है कि उत्तर प्रदेश में आवारा कुत्तों का आतंक अब एक गंभीर समस्या बन चुका है, जो नागरिकों की सुरक्षा के लिए खतरे का कारण बन रहा है। प्रशासन को इस समस्या को शीघ्र सुलझाने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे, ताकि इस तरह की घटनाएं फिर से न हों।

साथ ही, नागरिकों को भी अपनी सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए और इस मुद्दे पर जागरूकता फैलानी चाहिए। आवारा कुत्तों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और नियंत्रण के बिना इस समस्या का समाधान संभव नहीं है।

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