अमृतसर, 3 जनवरी 2025: पंजाब के अमृतसर शहर में बटाला रोड स्थित मुर्गी खाने वाली गली में स्थित एक कपड़ा फैक्टरी में आग लगने से लाखों रुपये का नुकसान हुआ है। यह हादसा देर रात हुआ, जब फैक्टरी में अचानक आग लग गई और देखते ही देखते पूरी फैक्टरी में भीषण आग की लपटें उठने लगीं। आग पर काबू पाने के लिए फायर ब्रिगेड कर्मियों को रात 1 बजे से लेकर सुबह 9 बजे तक लगातार कठिन प्रयास करने पड़े। यह घटना न केवल फैक्टरी के मालिकों के लिए एक बड़ी चिंता का विषय बन गई है, बल्कि पूरे इलाके में यह घटना चर्चा का केंद्र बनी हुई है।
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, आग लगने की घटना 2 जनवरी की रात को बटाला रोड स्थित मुर्गी खाने वाली गली में स्थित एक धागे की फैक्टरी में घटी। फैक्टरी में बड़ी मात्रा में धागा पड़ा हुआ था, जो आग की लपटों से जल्दी ही जलकर राख हो गया। फैक्टरी की मशीनरी और अन्य सामान भी आग की चपेट में आकर पूरी तरह से जल गए। जब तक फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची, आग ने काफी भयानक रूप ले लिया था।

सूचना मिलते ही नगर निगम और फायर ब्रिगेड की टीमें मौके पर पहुंची। उन्होंने कड़ी मेहनत और जोश के साथ आग पर काबू पाने का प्रयास शुरू किया। लेकिन आग की भयावहता को देखते हुए यह काम आसान नहीं था। फायर ब्रिगेड के कर्मियों को लगभग आठ घंटे तक लगातार संघर्ष करना पड़ा। इस दौरान एक ओर जहां आग की लपटें और धुआं फैक्टरी के आसपास के इलाके में फैल गया, वहीं दूसरी ओर दमकल कर्मियों ने अपनी जान जोखिम में डालते हुए आग बुझाने के प्रयास जारी रखे।
आग लगने का कारण अभी तक अस्पष्ट
फिलहाल आग लगने के कारणों का पता नहीं चल सका है। अधिकारियों का कहना है कि आग के कारणों की जांच जारी है, लेकिन प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर यह संभावना जताई जा रही है कि फैक्टरी में किसी प्रकार की विद्युत शॉर्ट सर्किट या फिर मशीनरी से उत्पन्न गर्मी की वजह से आग लगी हो सकती है। हालांकि, इस बारे में अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। आग पर काबू पाने के बाद मौके से कुछ जलने वाले सामानों के अवशेष मिले हैं, जिनकी जांच की जा रही है।
नुकसान का आकलन और राहत कार्य
इस भीषण आग से फैक्टरी के अंदर रखा धागा, मशीनरी और अन्य सामान पूरी तरह जलकर राख हो गए हैं। प्रारंभिक अनुमान के अनुसार, नुकसान लाखों रुपये का हो सकता है। हालांकि, प्रशासन और फैक्टरी मालिकों की ओर से अब तक नुकसान की सटीक राशि का आकलन नहीं किया गया है। इस नुकसान से फैक्टरी मालिकों को न केवल वित्तीय संकट का सामना करना पड़ेगा, बल्कि फैक्टरी के कर्मचारियों के लिए भी यह एक कठिन समय हो सकता है।

फायर ब्रिगेड के अधिकारियों ने बताया कि आग बुझाने के लिए लगभग 6 दमकल गाड़ियों की मदद ली गई। इसके अलावा, नगर निगम के कर्मी भी मौके पर मौजूद थे, जिन्होंने राहत और बचाव कार्य में मदद की। अधिकारियों का कहना है कि आग पर काबू पाने में बड़ी चुनौतियां आईं, क्योंकि फैक्टरी के अंदर धागा और अन्य ज्वलनशील सामग्री थी, जिसने आग को और तेज कर दिया था।
फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों ने इस आग को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। नगर निगम फायर बिग्रेड ऑफिसर ने मीडिया को बताया, “हमें जैसे ही आग की सूचना मिली, हम तुरंत अपनी टीम और गाड़ियों के साथ मौके पर पहुंचे। आग की तीव्रता इतनी ज्यादा थी कि पहले से ही काफी क्षेत्र में फैल चुकी थी। हमने पूरी कोशिश की कि आग को जल्द से जल्द नियंत्रित किया जा सके, ताकि आसपास के इलाकों को भी नुकसान न पहुंचे।”
फायर ब्रिगेड की टीम ने लगातार आठ घंटे तक आग पर काबू पाया और इस दौरान कई दफे उन्हें जान जोखिम में डालते हुए आग की लपटों के बीच काम करना पड़ा। उनकी कड़ी मेहनत और साहस के कारण ही इस अग्निकांड को और अधिक विकराल रूप लेने से रोका जा सका।
स्थानीय प्रशासन ने भी आग की स्थिति को देखते हुए इलाके में सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ा दिया था। आसपास के घरों और दुकानों के मालिकों को आग से होने वाले संभावित खतरों से अवगत कराया गया। इसके साथ ही, स्थानीय निवासियों ने भी अपनी तरफ से बचाव कार्यों में योगदान दिया और पुलिस व फायर ब्रिगेड के साथ मिलकर स्थिति को नियंत्रण में लाने में मदद की।
अमृतसर पुलिस और नगर निगम के अधिकारी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और जांच जारी रखने का आश्वासन दे रहे हैं। प्रशासन ने आश्वस्त किया है कि आग के कारणों का पता लगाने के लिए सभी आवश्यक जांच की जा रही है और इस घटना से संबंधित किसी भी दोषी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
अमृतसर की इस आग ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि इस तरह के हादसों के दौरान आग पर काबू पाने और जनहानि को रोकने के लिए फायर ब्रिगेड और स्थानीय प्रशासन की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। हालांकि आग की वजह से भारी नुकसान हुआ है, लेकिन फायर ब्रिगेड की कड़ी मेहनत और समर्पण के कारण बड़े पैमाने पर नुकसान को रोका जा सका। इस घटना से हमें यह भी सीखने को मिलता है कि आग की सुरक्षा के उपायों को और बेहतर करने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं कम हो सकें और जनहानि को रोका जा सके।