प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘ग्रामीण भारत महोत्सव 2025’ का उद्घाटन किया, ग्रामीण विकास और सशक्तिकरण पर दिया जोर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को भारत मंडपम में ‘ग्रामीण भारत महोत्सव 2025’ का उद्घाटन किया, जिसमें उन्होंने ग्रामीण भारत के विकास और सशक्तिकरण पर सरकार के विभिन्न प्रयासों को रेखांकित किया।
इस महत्वपूर्ण अवसर पर नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (NABARD) के चेयरपर्सन शाजी केवी ने प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया। कार्यक्रम में पीएम मोदी ने अपने संबोधन में यह स्पष्ट किया कि उनकी सरकार ने 2014 से अब तक ग्रामीण भारत की सेवा और सशक्तिकरण को अपनी प्राथमिकताओं में रखा है।

ग्रामीण विकास में ऐतिहासिक बदलाव
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में कहा, “जिन्हें किसी ने नहीं पूछा, उन्हें मोदी ने पूजा है। 2014 से मेरी सरकार लगातार ग्रामीण भारत की सेवा और सशक्तिकरण के लिए कार्यरत है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार ने गांवों में बुनियादी सुविधाओं की आपूर्ति, किसानों के लिए योजनाएं, और कृषि क्षेत्र में व्यापक सुधारों को लागू किया है। इसके परिणामस्वरूप ग्रामीण भारत में ऐतिहासिक विकास देखने को मिला है।
पीएम मोदी ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की हालिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि 2012 में ग्रामीण गरीबी दर करीब 26 प्रतिशत थी, जो 2024 में घटकर 5 प्रतिशत से भी कम हो गई है। यह आंकड़ा सरकार की ग्रामीण क्षेत्रों में सशक्तिकरण और गरीबी उन्मूलन के प्रति की गई कड़ी मेहनत को दर्शाता है।
प्रधानमंत्री ने कहा, “यह बदलाव पहले भी लाया जा सकता था, लेकिन पिछली सरकारों ने इसे नजरअंदाज किया। हमारी सरकार ने ग्रामीण विकास को प्राथमिकता दी है और इसके परिणामस्वरूप आज बदलाव नजर आ रहा है।”
ग्रामीण भारत के लिए योजनाएं और कार्यक्रम
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार का दृष्टिकोण ग्रामीण भारत को सशक्त बनाना, लोगों को अवसर प्रदान करना और प्रवासन को रोकना है। इसके लिए उन्होंने कई योजनाओं और कार्यक्रमों को लागू किया है, जो ग्रामीण इलाकों में बुनियादी सुविधाओं की गारंटी प्रदान करते हैं।
इनमें स्वच्छता, बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा, और सड़क जैसी सुविधाओं का विस्तार किया गया है। इसके अलावा, कृषि और ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार को बढ़ावा देने के लिए विशेष अभियान चलाए गए हैं।
किसानों के लिए विशेष योजनाएं
प्रधानमंत्री ने किसानों के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को भी रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि पिछले एक दशक में कृषि ऋण की राशि 3.5 गुना बढ़ाई गई है, जिससे किसानों को आसानी से वित्तीय सहायता मिल रही है। इसके अलावा, पीएम किसान योजना के तहत लगभग 3 लाख करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता सीधे किसानों तक पहुंचाई गई है।
उन्होंने यह भी बताया कि सरकार ने DAP खाद की कीमतों को स्थिर रखने के लिए सब्सिडी बढ़ाई है, जिससे किसानों को खाद की उपलब्धता और सस्ती कीमत पर मिलने में मदद मिल रही है।
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि कृषि क्षेत्र में नई तकनीकों और विज्ञान का उपयोग कर उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के प्रयास किए गए हैं। साथ ही, उन्होंने कारीगरों के लिए ‘पीएम विश्वकर्मा योजना’ का उल्लेख किया, जिसके तहत लाखों कारीगरों को रोजगार और आत्मनिर्भरता के अवसर मिले हैं। इस योजना ने विशेष रूप से ग्रामीण इलाकों में पारंपरिक कला और कौशल को बढ़ावा दिया है।

ग्रामीण युवाओं और महिलाओं के लिए अवसर
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में यह भी कहा कि उनकी सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं और युवाओं के लिए अवसरों का सृजन किया है। विभिन्न योजनाओं के माध्यम से ग्रामीण महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण के अवसर मिले हैं।
उन्होंने विशेष रूप से ‘प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना’ और ‘प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना’ का जिक्र किया, जिनका उद्देश्य महिलाओं को स्वच्छ ऊर्जा, कृषि क्षेत्र में नई तकनीकों और विज्ञान का उपयोग कर उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के प्रयास किए गए हैं।