चालक की सूझबूझ से टला बड़ा संकट

प्रात: के समय डंगरखेडा रेलवे ओवर ब्रिज पर हुआ भयानक हादसा, चालक की सूझबूझ से टला बड़ा संकट,आज प्रात: का समय था, जब अबोहर-फाजिल्का रोड पर स्थित गांव डंगरखेडा के पास रेलवे ओवर ब्रिज पर एक बड़ा हादसा होने से बच गया। यह हादसा उस समय हुआ जब एक ट्रैक्टर, जिसमें धान की पराली लदी हुई थी, अचानक टूट गया और दो हिस्सों में बंट गया।

इस भयानक हादसे में ट्रैक्टर का एक हिस्सा पुल से नीचे गिर गया, जिससे वहां मौजूद लोग हैरान रह गए। हालांकि, इसमें सबसे सुखद पहलू यह रहा कि चालक और उसका साथी बाल-बाल बच गए, और ज्यादा बड़ा नुकसान नहीं हुआ।

हादसा कैसे हुआ?

हादसे के वक्त ट्रैक्टर बठिंडा के निवासी चालक जस्सा सिंह और उसका साथी अमरीक सिंह लेकर गांव घल्लू से धान की पराली लादकर राजस्थान के लिए रवाना हुए थे। जब वे अबोहर-फाजिल्का रोड पर गांव डंगरखेडा के पास बने रेलवे ओवर ब्रिज पर पहुंचे, तो उनके ट्रैक्टर का एकसेल टूट गया। इस कारण ट्रैक्टर अचानक दो हिस्सों में बंट गया। ट्रैक्टर का एक हिस्सा पुल पर गिरा जबकि दूसरा हिस्सा पुल की रेलिंग से काफी ऊंचाई से नीचे गिर गया। यह मंजर देखकर आसपास खड़े लोग सहम गए, लेकिन दुर्घटना के बाद भी चालक जस्सा सिंह की सूझबूझ ने बड़ी दुर्घटना को टाल दिया।

चालक की सूझबूझ से टला बड़ा हादसा

ध्यान देने वाली बात यह है कि इस हादसे में ट्रैक्टर के चालक जस्सा सिंह को मामूली चोटें आईं, लेकिन उनकी सूझबूझ और संतुलित व्यवहार ने एक बड़े हादसे को टाल दिया। जस्सा सिंह का साथी अमरीक सिंह भी पूरी तरह सुरक्षित रहा। यदि यह हादसा थोड़ा और गंभीर होता, तो पुल से गिरने के कारण स्थिति काफी भयावह हो सकती थी। लेकिन, दोनों चालक और उसका साथी पूरी तरह से बच गए और बड़ी दुर्घटना को टाल दिया।

मौके पर पहुंची एसएसएफ टीम

जैसे ही इस हादसे की सूचना पुलिस और एसएसएफ (स्पेशल सिक्योरिटी फोर्स) को मिली, वे तुरंत मौके पर पहुंचे। एसएसएफ टीम ने सबसे पहले घायल जस्सा सिंह को सुरक्षित तरीके से अस्पताल भेजने का काम किया। इसके बाद सड़क के बीच पड़ी हुई धान की पराली को किनारे किया ताकि कोई अन्य दुर्घटना न हो। इसके अलावा, सड़क पर बिखरे ट्रैक्टर के डीजल को भी हटाया गया और उस पर मिट्टी डलवाई गई ताकि वह सड़क पर किसी अन्य दुर्घटना का कारण न बने।

क्या थी दुर्घटना का कारण?

जानकारों के अनुसार इस दुर्घटना का मुख्य कारण ट्रैक्टर के एकसेल का टूटना था। एकसेल टूटने के बाद ट्रैक्टर का संतुलन बिगड़ गया और वह दो हिस्सों में बंट गया। इस हादसे में ट्रैक्टर की पराली लदी हुई थी, जो एक कारण हो सकता है कि लोड के कारण अधिक दबाव पड़ा हो। हालांकि, इस प्रकार के हादसों की प्राथमिक वजह तकनीकी खराबी होती है, जिसे समय पर ठीक नहीं किया गया हो।

सड़क सुरक्षा और वाहन रखरखाव की आवश्यकता

यह हादसा हमें यह समझाने का मौका देता है कि सड़क सुरक्षा और वाहन रखरखाव पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। जब भी वाहन लम्बे सफर पर निकलते हैं, तो उसकी पूरी जांच और रखरखाव किया जाना चाहिए। खासकर, ट्रैक्टर जैसे भारी वाहनों में यह जांच अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है, क्योंकि ऐसे वाहन पर एक छोटी सी खराबी भी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है।

सड़क पर सफर करते समय यह जरूरी है कि वाहन की सभी तकनीकी खराबियों को समय रहते ठीक किया जाए ताकि ऐसे हादसों से बचा जा सके। इसके साथ ही, सुरक्षा मानकों का पालन करना और सड़क पर अन्य वाहनों से दूरी बनाकर चलना भी जरूरी है।

पुलिस और प्रशासन की तत्परता

इस घटना में पुलिस और प्रशासन की तत्परता भी सराहनीय रही। हादसे के बाद एसएसएफ की टीम ने तुरंत मौके पर पहुंचकर स्थिति को काबू में किया और सड़क को सुरक्षित किया। यह दिखाता है कि जब प्रशासन और सुरक्षा बल सक्रिय रहते हैं, तो बड़े हादसों को टाला जा सकता है। इसके अलावा, स्थानीय निवासियों को भी ऐसी स्थितियों में प्रशासन से सहयोग करने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए ताकि कोई और समस्या उत्पन्न न हो।

गांव डंगरखेडा के पास हुआ यह हादसा भले ही भयानक था, लेकिन चालक की सूझबूझ और प्रशासन की तत्परता के कारण यह बड़ा संकट टल गया। यह हादसा हमें यह भी याद दिलाता है कि सड़क सुरक्षा के प्रति हमें और ज्यादा सतर्क रहने की आवश्यकता है। दुर्घटनाओं को रोकने के लिए तकनीकी जांच, वाहन रखरखाव, और सुरक्षा नियमों का पालन करना बहुत जरूरी है।

अंततः यह हादसा यह भी साबित करता है कि कभी-कभी छोटी सी चूक भी बड़े नुकसान का कारण बन सकती है, लेकिन सही समय पर किए गए उपाय और सावधानी से बड़े संकटों से बचा जा सकता है।

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