पंजाब के अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों में बिजली सप्लाई और Fire Safety को लेकर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने सख्त दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन आदेशों का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य सुविधाओं की निरंतरता और सुरक्षा सुनिश्चित करना है, ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मिलती रहें। राज्य भर में सभी सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों, सिविल अस्पतालों, सब-डिविजनल अस्पतालों और ब्लॉक स्तर के अस्पतालों में इन आदेशों का पालन करना अनिवार्य किया गया है।
बिजली सप्लाई की व्यवस्था में सुधार की आवश्यकता
स्वास्थ्य मंत्री ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया कि अस्पतालों में बिजली बंद होने की स्थिति में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर कोई असर न पड़े। इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए उन्होंने कहा कि सभी महत्वपूर्ण देखभाल इकाइयों, जैसे ऑपरेशन थियेटर, लेबर रूम, इमरजेंसी, एस.एन.सी.यू. और एन.आई.सी.यू. में कम से कम 30 मिनट का यू.पी.एस. पावर बैकअप मौजूद होना चाहिए। इसके अलावा, सभी अस्पतालों में डीजल के पर्याप्त भंडारण के साथ कार्यशील जनरेटर सेट की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जानी चाहिए।
यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि बिजली कटौती के कारण गंभीर देखभाल में कोई व्यवधान न आए, जो कि अस्पतालों में जीवन रक्षक सेवाओं के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। मंत्री ने कहा कि इस निर्देश का उद्देश्य किसी भी स्थिति में स्वास्थ्य सेवाओं में रुकावट को रोकना है और मरीजों के इलाज में कोई विघ्न न हो।

स्वास्थ्य सुविधाओं में बैकअप व्यवस्था
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह ने यह भी सुनिश्चित किया कि सभी अस्पतालों में विद्युत आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठाए जाएं। इसके लिए कमेटियां बनाई जाएंगी, जो विभिन्न अस्पतालों का दौरा करके यह सुनिश्चित करेंगी कि वहां पर बिजली सप्लाई के लिए बैकअप योजना पूरी तरह से कार्यरत हो। ये कमेटियां अस्पतालों में जनरेटर सेट और यू.पी.एस. बैकअप की स्थिति का समय-समय पर निरीक्षण करेंगी।
यह सुनिश्चित करना भी जरूरी है कि किसी भी तरह की बिजली कटौती के दौरान तुरंत बैकअप बिजली सप्लाई शुरू हो, ताकि इमरजेंसी और जीवन रक्षक सेवाओं में कोई रुकावट न आए। डॉ. बलबीर सिंह ने सभी सिविल सर्जनों को निर्देशित किया कि वे अपने अस्पतालों में तत्काल बैकअप व्यवस्था लागू करें और इस प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की देरी को टालें।
Fire Safety का अहम पहलू
स्वास्थ्य मंत्री ने Fire Safety की दिशा में भी कड़े कदम उठाने के आदेश दिए हैं। स्वास्थ्य सुविधाओं, विशेषकर गहन देखभाल इकाइयों (ICUs), में अग्नि सुरक्षा के उपकरणों की स्थिति की जांच करवाई जाएगी। सभी अस्पतालों में फायर सेफ्टी ऑडिट किया जाएगा और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि वहां के कर्मचारियों को अग्नि सुरक्षा के बारे में पूरी जानकारी हो।
यह कदम इस तथ्य से प्रेरित है कि अस्पतालों में बड़े उपकरण और अत्यधिक संख्या में मरीज होते हैं, जिससे आग लगने का खतरा अधिक हो सकता है। इसलिए सभी अस्पतालों को अग्नि सुरक्षा उपायों को सख्ती से लागू करने के लिए निर्देशित किया गया है।
व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए तत्परता बनाए रखना
स्वास्थ्य मंत्री ने अस्पतालों में बिजली आपूर्ति और Fire Safety को लेकर जल्दी से जल्दी सूचना का आदान-प्रदान सुनिश्चित करने के लिए एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाने का भी आदेश दिया है। इस ग्रुप के माध्यम से सभी कमेटी सदस्य अस्पतालों की स्थिति की समीक्षा करेंगे और किसी भी आपात स्थिति में तत्काल कार्रवाई करेंगे।
यह डिजिटल प्लेटफार्म अस्पतालों और अधिकारियों के बीच त्वरित संवाद स्थापित करने में मदद करेगा, ताकि अगर कहीं कोई समस्या उत्पन्न होती है, तो वह तुरंत हल हो सके। इससे स्वास्थ्य सेवाओं की तत्परता और प्रभावशीलता में वृद्धि होगी, जो कि राज्य के नागरिकों की सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

स्वास्थ्य अधिकारियों और अधिकारियों की उपस्थिति
इस महत्वपूर्ण मीटिंग में पंजाब के प्रशासनिक सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण कुमार राहुल, सचिव लोक निर्माण विभाग (पी.डब्ल्यू.डी.) रवि भगत, पंजाब स्वास्थ्य प्रणाली निगम के प्रबंध निदेशक वरिंदर कुमार शर्मा, सी.एम.डी.पी. एस.पी.सी.एल. इंजीनियर बलदेव सिंह सरां, निदेशक स्वास्थ्य डॉ. हितिंदर कौर और निदेशक अनुसंधान एवं चिकित्सा शिक्षा डॉ. अवनीश कुमार भी उपस्थित थे।
इन अधिकारियों की उपस्थिति इस बात का संकेत है कि स्वास्थ्य मंत्रालय राज्य के सभी अस्पतालों में सुधार लाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने सभी अस्पतालों और स्वास्थ्य सुविधाओं को तुरंत अपने सिस्टम को मजबूत करने की दिशा में काम करने के निर्देश दिए हैं।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. बलबीर सिंह द्वारा जारी किए गए ये आदेश पंजाब में अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों के लिए महत्वपूर्ण सुधार की दिशा में एक ठोस कदम हैं। इन आदेशों का उद्देश्य न केवल अस्पतालों में बिजली और Fire Safety की स्थिति को बेहतर बनाना है, बल्कि मरीजों को समय पर और गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना भी है। यह सुनिश्चित करेगा कि किसी भी प्रकार की बिजली या अग्नि संबंधित समस्याओं के बावजूद, अस्पतालों में इलाज की प्रक्रिया में कोई रुकावट न आए।