बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा (Protection) पंजाब सरकार ने 2024-25 के वर्ष के अंतर्गत सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ. बलजीत कौर द्वारा 15.95 करोड़ रुपये जारी करने का निर्णय लिया है, जो राज्य में बच्चों के अधिकारों की रक्षा और उनके संरक्षण के उद्देश्य से किया गया है।
इस फंड का प्रमुख उद्देश्य मिशन जीवनजोत और बेसहारा बच्चों की सुरक्षा और पुनर्वास पर ध्यान केंद्रित करना है। इस योजना के तहत मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में राज्य सरकार बच्चों के भिक्षावृत्ति और बाल श्रम के शिकार बच्चों के लिए एक बड़ा कदम उठा रही है।
जीवनजोत परियोजना: बच्चों को भीख मांगने से बचाने की दिशा में एक ठोस पहल
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने 8 जुलाई 2024 को ‘जीवनजोत’ परियोजना की शुरुआत की, जिसका मुख्य उद्देश्य भीख मांगने वाले बच्चों को बचाना और उनका पुनर्वास करना है। इस परियोजना को जिला स्तरीय टास्क फोर्स के माध्यम से लागू किया जा रहा है, जो हर जिले में सक्रिय रूप से काम कर रही है।
डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य बाल भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों को बचाना Protection और उनकी स्थिति में सुधार लाना है। अब तक, जुलाई 2024 से लेकर अब तक 268 बच्चों को भीख मांगने से बचाया गया है, जो इस मुहिम की सफलता का प्रमाण है। जीवनजोत परियोजना के तहत बच्चों के पुनर्वास के लिए व्यापक व्यवस्था की गई है, ताकि उन्हें बेहतर जीवन मिल सके और वे समाज में वापस शामिल हो सकें।

बाल भिक्षावृत्ति के खिलाफ सख्त कदम
बाल भिक्षावृत्ति एक गंभीर सामाजिक समस्या है, जो बच्चों के मानसिक, शारीरिक और भावनात्मक विकास को प्रभावित करती है। अक्सर, ये बच्चे न केवल आर्थिक रूप से अभावग्रस्त होते हैं, बल्कि उनके जीवन में सुरक्षा Protection की भी भारी कमी होती है। राज्य सरकार ने इस मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करते हुए जीवनजोत परियोजना शुरू की है, जो बाल भिक्षावृत्ति के शिकार बच्चों को न केवल बचाती है, बल्कि उन्हें एक सुरक्षित वातावरण भी प्रदान करती है।
मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने बताया कि बाल भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चों को बचाने के लिए विभाग द्वारा किए गए प्रयासों का परिणाम अब दिखने लगा है। विभाग बाल भिक्षावृत्ति के खिलाफ अभियान चला रहा है, और इसके तहत जिले में बच्चों को बचाने और उन्हें पुनर्वासित करने का कार्य जारी है।
राज्य में बाल गृहों की व्यवस्था
पंजाब सरकार ने जुवेनाइल जस्टिस केयर एंड प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन एक्ट 2015 के तहत राज्य में बाल संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इस कानून के तहत, राज्य में 7 सरकारी बाल गृहों और 39 गैर-सरकारी बाल गृहों को पंजीकृत किया गया है। ये गृह उन बच्चों की देखभाल करते हैं, जो अनाथ, असहाय या सुपुर्द किए गए हैं। इन बच्चों को एक सुरक्षित Protection और संरक्षित वातावरण में रहने का अवसर मिलता है, ताकि वे मानसिक और शारीरिक रूप से ठीक हो सकें और उनका पुनर्वास हो सके।
इसके अलावा, मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने यह भी घोषणा की है कि पंजाब सरकार जल्द ही गुरदासपुर और मलेरकोटला में बेसहारा बच्चों के लिए दो नए बाल गृह स्थापित करने जा रही है। इन गृहों का उद्देश्य उन बच्चों के लिए एक सुरक्षित और संरक्षित स्थान प्रदान करना है, जो किसी भी कारणवश अपने परिवार से अलग हो गए हैं।

बच्चों के संरक्षण के लिए जागरूकता अभियान Protection
पंजाब सरकार का उद्देश्य बच्चों के अधिकारों का संरक्षण करना है, और इसके लिए सरकार लगातार विभिन्न जागरूकता अभियानों का संचालन कर रही है। मंत्री डॉ. बलजीत कौर ने लोगों से अपील की है कि वे अगर अपने जिले में भीख मांगने वाले बच्चों या बाल श्रमिकों के बारे में जानें, तो वे इसकी सूचना अपनी जिले की जिला बाल संरक्षण इकाई या बाल कल्याण कमेटी को दें। इसके साथ ही, लोग चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 के माध्यम से भी जानकारी दे सकते हैं। यह नंबर किसी भी प्रकार के बाल शोषण की सूचना देने के लिए उपलब्ध है।
सरकार का बच्चों के कल्याण और सुरक्षा Protection के प्रति वचनबद्धता
पंजाब सरकार ने बच्चों के कल्याण और सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। डॉ. बलजीत कौर ने इस बात को स्पष्ट किया कि सरकार बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए निरंतर प्रयासरत है और बच्चों को भीख मांगने और बाल श्रम के शिकार होने से बचाने के लिए सभी जरूरी कदम उठा रही है।
इस तरह, पंजाब सरकार का मिशन जीवनजोत एक सकारात्मक कदम है, जो न केवल बच्चों के जीवन को बेहतर बनाने का प्रयास करता है, बल्कि समाज में बच्चों के अधिकारों और सुरक्षा को भी सुनिश्चित करता है। यह पहल अन्य राज्यों के लिए भी एक आदर्श प्रस्तुत करती है, जिसमें बच्चों के प्रति जिम्मेदारी और उनकी सुरक्षा के लिए सरकार को एक ठोस कदम उठाना चाहिए।

पंजाब सरकार द्वारा बच्चों की सुरक्षा और उनके कल्याण के लिए उठाए गए कदम इस बात का प्रतीक हैं कि राज्य में बच्चों के अधिकारों को लेकर सरकार का दृष्टिकोण बहुत सशक्त और समर्पित है। जीवनजोत परियोजना और बाल गृहों की स्थापना जैसे प्रयास बच्चों के लिए एक बेहतर और सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करने में मदद करेंगे।
इन पहलों के माध्यम से, पंजाब सरकार ने समाज में बच्चों के अधिकारों की रक्षा और उनका संरक्षण सुनिश्चित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कार्य किया है, जो अन्य राज्यों के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बन सकता है।